नेपालगन्ज में पहलीेबार राष्ट्रीय शैक्षिक महोत्सवकी तयारी
नेपालगन्ज,(बाके) पवन जायसवाल,२०७४ असोज ६ गते ।
‘‘सामाजिक रुपान्तरण के लिये शिक्षा में नई अभियान’’ उदेश्यों के साथ नेपालगन्ज में पहलीे बार राष्ट्रव्यापी शैक्षिक महोत्सव होने जा रहा है ।
नेपाल पुस्तक तथा स्टेशनरी व्यवसायी महासंघ जिला शाखा बाके की आयोजन में नेपालगन्ज उपमहानगरपालिका—१८ कारकांदौं स्थित बहुउदेश्यीय सभागृह निर्माणस्थल परिसर में मंसीर २८ गते से पुष महीने की ५ गते तक आठवीं राष्ट्रीय पुस्तक प्रदर्शनी तथा शैक्षिक महोत्सव—२०७४ होने जा रही ।
‘पश्चिम क्षेत्र की शैक्षिक हब के रुप में रही नेपालगन्ज में पहली बार महोत्सव होने जा रही ।’ महोत्सव की बारे में जानकारी देने के लिये असोज ५ गते बिहिवार को नेपालगन्ज में आयोजित पत्रकार सम्मेलन में नेपाल पुस्तक तथा स्टेशनरी व्यवसायी महासंघ बाके जिला के संस्थापक अध्यक्ष तथा महोत्सव प्रचार प्रसार समिति के संयोजक बसन्त लामिछाने ने कार्यक्रम में कहा,—‘शिक्षा क्षेत्र की विकास में टेवा पहुचाने की उदेश्य से महोत्सव करने जा रहा हू“ पत्रकार सम्मेलन में बताया ।
महोत्सव पश्चिम नेपाल में ‘पढा“ै र पढायौ’ संस्कृति की विकास करा करके सभ्य एवं शालिन समाज की निर्माण अभियान में कोशे ढुगां सावित होन जा रही नेपाल पुस्तक तथा स्टेशनरी ब्यवसायी महासंघ के सल्लाहकार समेत रहे थे बसन्त लामिछाने ने जानकारी दी है ।
नेपाल पुस्तक तथा स्टेशनरी व्यवसायी महासंघ बा“के शाखा के प्रथम उपाध्यक्ष सालिक सुबेदी की अनुसार ७ दिन तक सञ्चालन होने जा रही महोत्सव की माध्यम से पुस्तक और उस से जुडे विद्यार्थियो की आन्तरिक प्रतिभा दिखाते हुये उन लोगों रचनात्मक क्षमता की अभिवृद्धि करने की उदेश्य रही है ।
‘अन्तर विद्यालय तथा कालेज स्तरीय विभिन्न प्रतियोगितात्मक अतिरिक्त क्रियाकलापें सञ्चालन किया जाएगा । बदती राज्य की संरचना की साथ साथ शिक्षा की स्वरुप, नेपाली साहित्य की रुपरेखा लगायत की विषयों में सम्बन्धित बिज्ञों को उपस्थित कराके अन्तरक्रिया भी सञ्चालन कियाजाएगा ।’–महोत्सव की बारे में जानकारी देते हुये सालिक सुबेदी ने कहा । नेपाल पुस्तक तथा स्टेशनरी ब्यवसायी महासंघ बा“के के सचिव सागर ज्ञवाली ने महोत्सव में विभिन्न बिधा में पुस्तक लेखन, सम्पादन की साथ साथ शिक्षा क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान देने वाले व्यक्तित्वों को बिगत में जैसे राष्ट्रीय सम्मान करने की साथ साथ परनिर्भता में रही शैक्षिक सामाग्रिया“ तथा मसलन्द की आयात को घटाने की कार्य में अह्म भूमिका निर्वाह करनेवाले उत्पादक उद्योगी, व्यवसायियों को सम्मान कररने की जानकारी दिया । उन के अनुसार महोत्सव में २ लाख अधिक दर्शक और १ सौ ५० अधिक स्टलें रहेगी बताया ।
स्टलों में विभिन्न मसलन्द तथा शैक्षिक सामाग्री की राष्ट्रीय उत्पादन, बैदेशिक उच्च शिक्षा के लिये क्रियाशील कन्सल्टेन्सी, सूचनामूलक कम्प्युटर सम्बन्धी एजेन्सीया“ रक्खा जाएगा । महोत्सव को थप मनोरन्जनात्मक बनाना, कला और संस्कृति जगेर्ना कराने के लिये स्थानीय तथा राष्ट्रीय कलाकारों को से गीत तथा नृत्य प्रस्तुत करने की साथ साथ अवलोकनकर्ता तथा सहभागिता के लिये खाजाघर एवं प्राथमिक उपचार कक्ष रक्खा जाएगा सचिव सागर ज्ञवाली ने बताया ।
महोत्सव की माध्यम से नेपालगन्ज की ऐतिहासिक और पुरानी महेन्द्र पुस्तकालय लगायत पुस्तकालय की प्रचार प्रसार करके संरक्षण तथा सम्बद्र्धन में ध्यानाकर्षण कराने , पठन संस्कृति की अभियान के लिये व्यक्ति, संघसंस्थाए“ से सहकार्य में सामाजिक रुपान्तरण की अभियान सञ्चालन करते हुये जिम्मेवार व्यवसायी संस्था के रुप में स्थापित करना, व्यवसायिओं की दक्षता और क्षमता अभिवृद्धि कराके व्यवसायों को प्रर्बद्धन करते हुये सामाजिक दायित्व बोध की साथ सक्षम कराने की लक्ष्य रही है ।
प्रथम पटक बि.सं. २०६४ साल में बुटवल से शुरु हुआ राष्ट्रीय शैक्षिक महोत्सव क्रमश ः२०६६ में पुन ः बुटवल, दूसरी बार बि.सं. २०६७ धनगढी में हुआ था, बि.सं. बि.सं.२०६८ चितवन में हुआ था, बि.सं. २०६९ पोखरा में हुआ था, बि.सं.२०७१ भ्mापा में हुआ था, बि.सं. २०७२ में ग्लोबल एक्पोजिसन संघ की संयुक्त आयोजन में काठमाण्डौ में हुआा था, बि.सं. २०७३ में दाङ होकर आठवीं राष्ट्रीय पुस्तक प्रदर्शनी तथा शैक्षिक महोत्सव बा“के जिला में नेपालगन्ज में होने जा रही उस की तयारी हो रही है ।
बिहिवार को आयोजित पत्रकार सम्मेलन के अध्यक्षता पुस्तक तथा स्टेशनरी ब्यवसायी महासंघ की बा“के शाखा प्रथम उपाध्यक्ष सालिक सुबेदी ने सञ्चालन सचिव सागर ज्ञवाली ने किया था । प्रमुख अतिथि केन्द्रीय सल्लाहकार बसन्त लामिछाने थे साहित्यिक उप–समिति की संयोजक ऋषिराम सापकोटा, नेपाल पत्रकार महासंघ बा“के जिला की उपाध्यक्ष रुपा गहतराज, शिक्षा पत्रकार समुह के रुद्र सुबेदी, बरिष्ठ पत्रकार जे. पाण्डेय, कृष्ण खनाल, भेषराज बस्नेत, अक्षरी पोख्रेल लगायत लोगों की महोत्सव सफलता की कामना दिये थे ।