संर्घष और अवसरवाद ने मधेशबाद को बर्बाद कर डाला -भोपेन्द्र यादव
भैरहवा अगहन १२ ,
ऐतिहासिक काल से हो या २०६२/६३ या फिर ७२/७३ जब भी हो मधेश ने संर्घष किया जनता ने बलिदान दिया । नेता कार्यकर्ता पैदा किया,मंन्त्री सभासद, संसद भी बनाया ,बदले मे आज मधेश को नीलाम कर दिया गया और मधेशी पार्टी फूटते फूटते पहाडी पार्टी मे समाहित कर दिया गया परन्तु उससे भी जब मधेशी नेताओं का सन्तुष्टि नही मिला तो कुछ कथित बेईमान गुटकार नेता जो मधेशी पार्टी फुट का बिजक थे वाे लोग मधेशबादी को लात मारकर राष्ट्र बादी बन गए मधेश और मधेशबाद को बर्बाद होते बीच धार मे छोड गए फिर जब जब देखा मधेश और मधेशी जनता का सेन्टीमेन्ट मधेशी पार्टी नेता के प्रति बढने लगा तब तब उस अवसर को नही छोडा जो आज भी ईस प्रथम प्रदेश सभाके चुनावमे बखुबी देखा जा सकता है ।वही अवसरबादी अाज अपने आप को मधेशबादी कहते है जो लोग पंचायती ब्यवस्था से लेकर जनयुद्ध ,मधेश बिद्रोह तक संसद मन्त्री सभापति मुखिया बनकर परिवर्तन का बिरोध किया सत्ता में रहकर हजारौं हजार को मौत के घाट उतरवाया आज भी वही अवसरबादी मधेशबाद का पहरेदार बन गये हैं । क्रान्तिकारी, परिवर्तनकारी ,संर्घषकारी को शहीद का रस्ता सिधार दिया गया कुछ बचेखुचे लोग गरीबी के जरजर से निकल ही नही सका आज फिर अवसरबादी जो पहले से ही अवसर बादी थे अाज मधेशबादी बन गए धन्य हो मधेश माँ इनका कल्याण करें