बीरगंज की जनता राजेन्द्र महतो से नाराज
बीरगंज | दो नम्बर प्रदेश की राजधानी को लेकर चर्चा परिचर्चा काफी जोरशोर से चल रही है । सोशल मीडिया पर तो दो खेमों की तानातानी जारी है । दो नम्बर प्रदेश की राजधानी जनकपुरधाम या बीरगंज इस बात पर जबरदस्त बहस चल रही है । ऐसे में हिमालिनी ने जब बीरगंज की जनता से उनके मिजाज को जानना चाहा तो उनका आक्रोश नेता और सरकार दोनों पर जाहिर हुआ । अधिकांश लोगों का मानना था कि राजधानी का नाम चुनाव से पहले घोषित होना चाहिए था । पर ऐसा हुआ नहीं और अब राजेन्द्र महतो जैसे नेता जनता को उकसाने में लगे हुए हैं । जबकि सभी जानते हैं कि राजधानी बनने के सभी पूर्वाधार बीरगंज में मौजूद है । इतना ही नहीं मधेश आन्दोलन के समय सक्रिय भूमिका में रहने वाला बीरगंज जो अंतिम समय तक आन्दोलन में टिका रहा और राजेन्द्र महतो के कहने पर ही नाकाबन्दी खत्म हुई और आन्दोलन कमजोर हुआ वही महतो आज बीरगंज के खिलाफ जा रहे हैं । उन्हें राजधानी के सवाल पर पक्षपात वाला वक्तव्य नहीं देना चाहिए था ।
वैसे कुछ लोगों का यह भी मानना है कि बीरगंज को औद्योगिक राजधानी तत्काल घोषित की जानी चाहिए क्योंकि यहाँ के औद्योगिक मसले को लेकर जनकपुर जाने का कोई औचित्य नहीं दिखता । कुछ ऐसे भी थे जिन्होंने कहा कि बीरगंज को औद्योगिक और जनकपुर को आध्यात्मिक राजधानी बनाई जानी चाहिए और इन दोनों के बीच के किसी शहर को राजधानी बना देनी चाहिए । राजेन्द्र महतो ने बीरगंज के बारे में कुछ नही बोला और एकही बा जनकपुर को राजधानी घोषणा कर दिया यह बीरगंज में आक्रोस देखा गया |