Fri. Mar 29th, 2024

जुड़शीतल विभिन्न अनुष्ठान के साथ सम्पन 



माला मिश्रा विराटनगर  सीमावर्ती शहर बिराटनगर व आसपास के इलाकों में  मिथलांचल का पर्व
जुड़शीतल विभन्न अनुष्ठान के साथ मनाया गया । इस मौके पर सुवह सुवह अविभावकों द्वारा अपने से छोटे को सर पर पानी डाल जुड़ाने का आशीर्वाद दिया । पेड़ पौधों में पानी डाला गया । भात एवं अन्य परिकार व आम का टिकुला, दही  रविवार को पूजा अर्चना के बाद वासी खाना खाया  गया । मिथिला संस्कृति अनुसार  तुलसी गाछ के ऊपर कलश लगा एक महीने तक पानी सींचा जाता है ।  विभन्न समुदाय के लोग इसे अपने अपने तरीके से मनाते है । मैथिल संस्कृति के लोग जुड़शीतल,सिरुवा तथा  बंगाली व अन्य समाज के लोग इसे बैसाखी के रूप में मनाते है । जुड़ शीतल यानि मिथिला का एक ऐसा पर्व  जिसमे प्रकृति से जुड़ते हुए इस दिन  पेड़ पौधों के जड़ो में  में पानी डालने की मान्यता है । कुल मिलाकर ये पर्व संदेश देता है कि प्रकृति के प्रति हम इंसानों को कृतज्ञ होनी चाहिए ।



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