जुड़शीतल विभिन्न अनुष्ठान के साथ सम्पन
माला मिश्रा विराटनगर सीमावर्ती शहर बिराटनगर व आसपास के इलाकों में मिथलांचल का पर्व
जुड़शीतल विभन्न अनुष्ठान के साथ मनाया गया । इस मौके पर सुवह सुवह अविभावकों द्वारा अपने से छोटे को सर पर पानी डाल जुड़ाने का आशीर्वाद दिया । पेड़ पौधों में पानी डाला गया । भात एवं अन्य परिकार व आम का टिकुला, दही रविवार को पूजा अर्चना के बाद वासी खाना खाया गया । मिथिला संस्कृति अनुसार तुलसी गाछ के ऊपर कलश लगा एक महीने तक पानी सींचा जाता है । विभन्न समुदाय के लोग इसे अपने अपने तरीके से मनाते है । मैथिल संस्कृति के लोग जुड़शीतल,सिरुवा तथा बंगाली व अन्य समाज के लोग इसे बैसाखी के रूप में मनाते है । जुड़ शीतल यानि मिथिला का एक ऐसा पर्व जिसमे प्रकृति से जुड़ते हुए इस दिन पेड़ पौधों के जड़ो में में पानी डालने की मान्यता है । कुल मिलाकर ये पर्व संदेश देता है कि प्रकृति के प्रति हम इंसानों को कृतज्ञ होनी चाहिए ।