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मधेशी जनता संविधान के विरुद्ध नहीं हैं, ‘काला दिवस’ जनता ने नहीं मनायाः निधि

काठमांडू, २० सितम्बर । नेपाली कांग्रेस के उपसभापति विमलेन्द्र निधि को कहना है कि मधेशी जनता वर्तमान संविधान के विरुद्ध में नहीं हैं । उनका कहना है कि कुछ मधेशवादी दलों के कुछ कार्यकर्ता ने ही संविधान विरुद्ध काला दिवस मनाया है । उनका यह भी मानना है कि मधेशवादी दलों की चरित्र विरोधाभाष दिखाई दे रही है । बुधबार पार्टी केन्द्रीय कार्यालय में आयोजित पत्रकार सम्मेलन में नेता निधि ने कहा– ‘यही संविधान अनुसार वे लोग चुनाव में सहभागी हुए, यही संविधान अनुसार लाभ का पद ग्रहण कर रहे हैं, संविधान अनुसार ही स्थानीय और प्रदेश सरकार गठन किए हैं, तब ‘काला दिवस’ का औचित्य क्या है ? इसकी आश्यकता और औचित्य कुछ भी नहीं है ।’


नेता निधि को कहना है कि कुछ मधेशवादी दल संविधान के विरुद्ध भ्रम की खेती कर रहे हैं । उन्होंने आगे कहा– ‘वे लोग संविधान अनुसार हर गतिविधि में संलग्न होते हैं और कहते हैं कि संविधान मान्य नहीं है, जनता में इस तरह का भ्रम फैलाना ठीक है क्या ?’ उनका मानना है कि मधेशवादी दलों का यह विरोधाभाष चरित्र है । उन्होंने आगे कहा– ‘संविधान विरुद्ध तराईबासी नेपाली ने काला दिवस मनाया है, ऐसा कहना गलत है । मधेशी जनता ने काला दिवस नहीं बनाया है, कुछ दलों ने मनाया है ।’
नेता निधि को मानना है कि संविधान में आवश्यक कुछ संशोधन की मांग होना ठीक ही है, उस को अन्यथा नहीं लेनी चाहिए । उन्होंने यह भी कहा कि अगर सरकार संविधान संशोधन के लिए प्रस्ताव लाती है तो नेपाली कांग्रेस निःशर्त समर्थन के लिए तैयार है ।

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