जब तक सामाजिक चिन्तन में परिवर्तन नहीं होगा, तब तक विकास और समृद्धि सम्भव नहींः मुख्यमन्त्री राउत
जनकपुरधाम, ३ दिसम्बर । प्रदेश नं. २ के मुख्यमन्त्री लालबाबु राउत ने कहा है कि जब तक हम लोग अपनी सामाजिक चिन्तन में परिवर्तन नहीं लाएंगे, तब तक विकास और समृद्धि भी सम्भव नहीं है । सर्वोच्च अदालत बार एसोसिएसन काठमांडू और जनकपुरधाम नेपाल बार एसोसिएसन द्वारा आइतबार आयोजित कानून और विकास संबंधी अन्तरक्रिया में बोलते हुए उन्होंने ऐसा दावा किया है । मुख्यमन्त्री राउत का कहना है कि विकास और समृद्धि का मातलव सिर्फ सडक, पुल, नाला जैसे भौतिक संरचना निर्माण करना ही नहीं है, मानसिक रुपान्तरण भी विकास और समृद्धि का एक परिचय है ।
मुख्यमन्त्री राउत ने कहा कि विकास और निर्माण के लिए कानून बाधक नहीं साधन होना चाहिए । उनका यह भी मानना है कि नेपाल के सन्दर्भ में कानून साधक नहीं, बाधक साबित हो रहा है । मुख्यमन्त्री राउत को मानना है कि निर्धारित समय में विकास निर्माण संबंधी काम सम्पन्न ना होने के पीछे कानूनी व्यवाधान भी एक कारण है । कार्यक्रम में बोलते हुए उच्च अदालत जनकपुर के मुख्य न्यायधीश शिवराम यादव ने कहा कि विकास निर्माण संबंधी काम सम्पादन करते वक्त कानून की उलंघन होना ठीक नहीं है । कार्यक्रम में प्रदेश नं. २ के मुख्य न्यायाधिवक्ता दीपेन्द्र झा, राजपा के सांसद् जैनूल राईन, जनकपुरधाम उप–महानगरपालिका के उपमेयर रीता झा जैसे व्यक्तित्व भी उपस्थित थे ।