सरकार और सीके राउत बीच ११ सूत्रीय सम्झौता (सम्झौता पत्र के साथ)
हम लोग बुद्ध के सन्तान हैं, हिंसात्मक क्रियाकलाप में विश्वास नहीं करेंगे डा. राउत
काठमांडू, ८ मार्च । सरकार और डा. चन्द्रकान्त (सीके) राउत नेतृत्व में रहे स्वतन्त्र मधेश गठबंधन के बीच ११ सुत्रीय सम्झौता हुई है । प्रधानमन्त्री केपीशर्मा ओली के उपस्थिति में सरकार की ओर से गृहमन्त्री रामबहादुर थापा और स्वतन्त्र मधेश गठबन्धन की ओर से संयोजक सीके राउत ने सम्झौतापत्र में हस्ताक्षर किए हैं ।
सम्झौता अनुसार अब सीके राउत समूह संविधान के अनुसार मूलधार के राजनीति करेंगे । सम्झौता में सरकार की ओर से प्रतिबद्धता व्यक्त की गई है कि स्वतन्त्र मधेश गठबन्धन की ओर से इससे पहले की गई प्रचारात्मक क्रियाकलाप, वितरित किताब, प्रचार सामाग्री आदि के बारे में भविष्य में कोई भी कारवाही नहीं की जाएगी । इतना ही नहीं, सरकार ने प्रतिबद्धता व्यक्त किया है कि पुलिस हिरासत में मारे गए स्वतन्त्र मधेश गठबंधन बांके जिला संयोजक राममनोहर यादव की परिवार को उचित क्षतिपुर्ति दी जाएगी और परिवारिक सदस्यों में किसी एक को रोजगारी भी दी जाएगी ।
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शान्तिपूर्ण और मूलधार की राजनीति में आने के लिए सहमति करने के बाद कार्यक्रम को सम्बोधन करते हुए डा. सीके राउत ने कहा कि जारी संविधान में लिखा है कि जनता की सार्वभौम अधिकार को स्वीकार की जाएगी, इसीलिए अब जनता को ही तय करना है कि वह क्या चाहते हैं । इसीतरह उन्हों ने आगे कहा कि नेपालीजन भगवान गौतम बुद्ध के सन्तान हैं, इसीलिए हिंसात्मक क्रियाकलाप में विश्वश नहीं करते हैं । डा. राउत को कहना है कि हिमाल से तराई तक के जनता समृद्ध हो सके, अब इसके लिए काम करना चाहिए ।
इसीतरह प्रधानमन्त्री ओली ने भी कार्यक्रम को सम्बोधन करते हुए कहा कि डा. राउत ने मूलधार के राजनीति में आने के लिए जो निर्णय किया है, वह उनकी साहसपूर्ण कदम है । प्रधानमन्त्री ओली ने नेपाल कम्युनिष्ट पार्टी के अध्यक्ष प्रचण्ड के साथ डा. राउत को तुलना करते हुए ऐसा कहा है । प्रधानमन्त्री ओली को मानना है कि अब नेपाल में किसी भी प्रकार की हिंसात्मक आन्दोलन करने की जरुरत नहीं है, सभी समस्या का समाधान संविधान प्रदत अधिकारों से किया जा सकता है । उन्होंने आगे कहा कि नेपाल की सार्वभौमसत्ता और अखण्डता को अक्षुण रखते हुए संविधान से ही हर समस्याओं का समाधान किया जा सकता है ।