स्थायित्व की ओर बढ़ते राष्ट्र नेपाल की यात्रा तथा बाबा पशुपतिनाथ के दर्शन : पंकज चौधरी पूर्व आईपीएस

-वर्ष 1992 की बात है जब में # वाराणसी के उदय प्रताप कालेज में था ,एक यात्रा पर काठमांडू जाने का मौक़ा मिला एक सात सदस्यीय विदेशी डेलीगेशन साथ काठमाडूं रवाना हुआ मन में नेपाल के प्रति जिज्ञासा रही कैसा पड़ोसी मुल्क है ? क़ानून व्यवस्था कैसी है ?लोग कैसे है ? दो दिन की यात्रा से मात्र भौगोलिक परिवेश को समझ पाने की क्षमता थी भारत वापस आ गया ।पुन: एक शिष्टमंडल के साथ 20 से 23 जुलाई 2019 में पुन:भारत-नेपाल संबधो को समझने का मौक़ा मिला। नेपाल हिंदू राष्ट्र को इसबार बेहतर समझने का मौक़ा मिला । कई बाते व व्यक्तिगत अनुभव है जो इस वृतांत के रुप में व्यक्त करना चाह रहा हूँ ।

-नेपाल सदैव भारत का हितैषी रहा है नेपाल ने सदैव भारत को एक बडे भाई के रुप में सम्मान दिया है । यह सम्मान हमारी ऐतीहासिक संस्कृति की प्रमुख देन है। नेपाल राजशाही से बाहर आकर स्थायित्व की ओर अग्रसर है,विकास की पुरी संभावना है निहित है विदेशी निवेश आ रहा है सरकार स्थायित्व की ओर अग्रसर है पर इस कडी में # भारत -नेपाल संबध विशेष महत्व रखते है और इस संबध में बडी भुमिका भगवान पशुपतिनाथ व गौतम बुद्ध की है जो भारत -नेपाल को दो शरीर व एक आत्मा के रुप में रेखांकित करते है ।
-भारत विश्व की महाशक्ति बनने की ओर अग्रसर है पर नेपाल इस परिप्रेक्ष्य में भारत के संबधो को सांस्कृतिक ,आर्थिक व सामाजिक द्रष्टि से देख रहा है और बेहतर संबध बनाने का पक्षधर है। शिष्ट मंडल के सदस्यों के साथ नेपाल के पूर्व प्रधानमंत्री माधव कुमार नेपाल ,पूर्व उप राष्ट्रपति परमानंद झा,दो पूर्व उप प्रधानमंत्री राम चंद्रा पोडेल व पूर्व उप प्रधानमंत्री टोप बहादुर रायमांझी ,पूर्व राजदूत जापान विष्णु हरि नेपाल व बाबा पशुपतिनाथ ट्रस्ट सचिव # डा. प्रदीप डोकेल व कई अन्य प्रमुख लोगों से मुलाकात व भारत-नेपाल संबधो पर विस्तार से चर्चा हुई ।
आप देखिये यह भिडियो
– नेपाल एक सरल व सादगी पंसद राष्ट्र है । सादगी व सरलता इनके अधिकाशं जन प्रतिनिधियों में देखने को मिली । राजधानी काठमांडू में ट्रेफ़िक व्यवस्था का एक पक्ष यह देखने को मिला लोग अनावश्यक Horn नहीं बजाते है। पशपति नाथ मंदिर की अंदरूनी साफ -सफाई उत्कृष्ट है। अधिकांशत : आम लोग संयमित है ,नेपाली महिलाओं में बाबा पशुपति नाथ से विशेष लगाव व आस्था है , 22 जुलाई 2019 का दिन सोमवार लगभग 350 वर्षों में आया है ऐसा धार्मिक एक्सपर्ट व मंहत बताते है , इसदिन दर्शन का विशेष महत्व है पशुपति नाथ ट्रस्ट के सचिव व कार्यवाहक सांस्कृतिक मंत्री डा. प्रदीप डोकेल जो BHU से पीएचडी किये हुये है ने बताया की 22 जुलाई सोमवार को लगभग 2 लाख लोगों ने बाबा पशुपतिनाथ के दर्शन किये है जिसमें मैं मेरा परिवार मय शिष्टमंडल भी इस ऐतीहासिक दिन का साक्षी बना ।
– भारत नेपाल संबध अपने शिखर पर पहुँच सकते है संभावना है, नेपाली जनता व भारत की जनता के बीच स्वाभिमान सांस्कृतिक रिश्ते बने रहे बढ़ोतरी हो और इसपर निष्पक्ष कार्य हो ।सर्विस मैटर हो या वैवाहिक संबध दोनों देशों को लचीलेपन बनाये रखना होगा ।आवागमन सुगम है सड़क मार्ग लंबा है थकाऊ है पर नेपाल में रेलवे का आग़ाज़ होते ही भारत नेपाल संबधो को चार-चाँद लग जायेगा ऐसा मेरा मानना है । हवाई यात्रा सभी के बस की नहीं है अत: व्यापक तौर पर आर्थिक व सांस्कृतिक संबधो को गति बेहतर सड़क व रेल मार्ग ही दे सकते है ।
-दो राष्ट्र एक आत्मा है भारत व नेपाल पर इस भावना को समझने का प्रयास हर स्तर पर होना चाहिए । जन जन संवाद हो , डिप्लोमैटिक संवाद हो , प्रशासनिक संवाद हो या सरकार स्तर पर संवाद हो हर पहलू के सकारात्मक संवाद में भारत – नेपाल संबंधों की मजबुती छिपी है ।
“जयहिंद जयनेपाल जयसविधान”
•••••••••••••••••••••••••••