राजतन्त्र वापसी संबंधी नारे स्वाभाविक है, अन्यथा लेना जरुरी नहीं हैः नेता कर्ण
काठमांडू, १ सितम्बर । राष्ट्रीय जनता पार्टी (राजपा) नेपाल के नेता तथा संसदीय सुनुवाई समिति के सभापति लक्ष्मणलाल कर्ण ने कहा है कि आजकल सड़कों में जिस तरह ‘राजा आंऊ देश बचाव’ (राजतन्त्र वापसी) संबंधी नारें लग रही है, उसको अन्यथा लेना आवश्यक है । शनिबार काठमांडू में आयोजित एक कार्यक्रम को सम्बोधन करते हुए नेता कर्ण ने कहा कि पीछली बार संघीयता, गणतन्त्र और धर्मनिरपेक्षता में समस्या आई है, उसको देखकर ही कुछ लोग राजतन्त्र वापसी संबंधी नारे लगा रहे है, जो स्वाभाविक भी है ।
नेता कर्ण ने कहा कि जिस दिन देश में गणतन्त्र आया है, उसी दिन से इस व्यवस्था के विरोधी लोग सक्रिय हैं, ऐसी पृष्ठभूमि में अगर संघीयता सही रुप में कार्यान्वयन नहीं होगी तो परिवर्तन विरोधी शक्ति हावी होना स्वभाविक है । उन्होंने कहा कि संघीयता परिवर्तनशील विषय है, लेकिन इसको शुरु में ही कमजोर बनाया गया ।
कार्यक्रम को सम्बोधन करते हुए नेता कर्ण ने कहा– ‘सिद्धान्ततः संघीयता अच्छी व्यवस्था है, लेकिन हम लोगों ने जो संविधान में लिखा है, उसको भी कार्यान्वयन नहीं किया । आज पुलिस पोशाक भी केन्द्र से निर्धारण हो रहा है । इसके पीछे कमिसन का खेल है ।’ उन्होंने कहा कि आज देश में भ्रष्टाचार व्याप्त है, सरकार मुकदर्शक बन रही है । नेता कर्ण ने कहा कि आज देश में राष्ट्रीय नेता नहीं है, सिर्फ अपने क्षेत्र के लिए बात करनेवाले नेताओं की बोलवाला है ।