नेपाली दूतावास “वन-मैंन” शो बन गया है,विजिट नेपाल २०२० का उड़ता मजाक ?

नेपाल सरकार ने नेपाल में टूरिज्म प्रमोशन २०२० के तहत २० लाख पर्यटकों का लक्ष्य रखा है । पड़ोसी राष्ट्र भारत में लगातार विजिट नेपाल के लिए सेमिनार का आयोजन किया जा रहा है । सेमिनार करने के लिए संघ–संस्थाओं की होड़ लगी है ।
नेपाल एम्बेसी नई–दिल्ली के तहत पर्यटन डिपार्टमेन्ट नेपाल के द्वारा विजिट नेपाल को प्रमोट करने की होड़ लगी है । विगत में विजिट नेपाल के होटल मैरिडियन नई–दिल्ली में किए गए सेमिनार में नेपाली संघ–संस्था के ही लोग ज्यादा थे ।
२५–२–२०२० में जयपुर के ‘रेडिसन ब्लू’ में विजिट नेपाल के कान्कलेव प्रोग्राम में भी यही हाल था । होटल व्यवसायियों टूरिज्म के टूर गाइड, ट्रेवल एवं टूर, उद्योगपतियों फिक्किी चेम्बर ऑफ कमर्स, मीडियाकर्मी, नदारत थे । अंतिम समय में राजस्थान टूरिज्म डिपार्टमेन्ट से निवेदन करके पदाधिकारी को बुलाया गया । केवल सी.एम. अशोक गहलोत का सदेश पढ़ कर सुनाया गया । नेपाल के टूरिज्म के विषय में बताया गया था । इलेक्ट्रोनिक मीडिया से एवन चैनल से आए थे । केवल नेपालियों की भरमार थी । भारतीय पक्ष के लोग नगन्य थे ।
सूत्रों की माने तो सिंहदरबार के सोर्स के कारण ही इस प्रोग्राम को करने के लिए एभरेष्ट चेम्बर ऑफ कमर्स नई दिल्ली को, नेपाल एम्बेसी नई दिल्ली के इकनोमिक डिविजन द्वारा दिया गया था । इस में ‘गो–नेपाल’ को ट्रेवल के रुप में दिखाया गया था । सूत्रों के अनुसार तो मुंबई और अन्य स्थानों में विजिट नेपाल प्रमोशन के लिए एभरेष्ट नेपाल चेम्बर ऑफ कमर्स मुंबई में भी है । इनके अध्यक्ष युवराज बराल से बात की जा रही है ।
पूर्व मंत्री पर्यटन के दिवंगत रवीन्द्र अधिकारी ने १२ करोड़ रुपए विजिट नेपाल के लिए रखा है । गौरतलब है कि पर्यटन मन्त्री योगेश भट्टराई ने कारोना वाइरस के चलते विजिट नेपाल को फिलहाल postpond करने की बात कर रहें हैं । सुत्रों की माने तो नई दिल्ली स्थित नेपाल दूतावास भी ‘वन–मैंन’ शो बन कर रह गया है । यानि महामहिम राजदुत केवल स्वीकृति ही देते हैं, सारे कार्यों को अंजाम डी.सी.एम. ही करते हैं । डी.सी.एम. के बिना एक भी निर्णय नेपाली दूतावास नहीं लेता है ?





