नेकपा कार्यदल का निष्कर्ष– एमसीसी का हुबहु कार्यान्वयन नेपाल के हित में नहीं है
काठमांडू, २ मई । सत्तारुढ दल नेपाल कम्युनिष्ट पार्टी (नेकपा) ने निष्कर्ष निकाल लिया है कि अमरिकी सहयोग परियोजना मिलेनियम च्यालेन्ज कर्पोरेसन (एमसीसी) इन्डोप्यासिफिक स्ट्राटेजी (हिन्दी प्रशान्त रणनीति) का ही एक अंग है और यह नेपाल के हित में नहीं है । पूर्व प्रधानमन्त्री भी रहे नेकपा के वरिष्ठ नेता झलनाथ खनाल के संयोजकत्व में गठित अध्ययन कार्यदल ने यह निष्कर्ष निकाल लिया है । उक्त निष्कर्ष के साथ कार्यदल ने प्रधानमन्त्री तथा पार्टी अध्यक्ष द्वय केपीशर्मा ओली और पुष्पकमल दाहाल को प्रतिवेदन हस्तान्तरण किया है । अध्ययन कार्यदल में नेता भीम रावल और परराष्ट्रमन्त्री भी रहे प्रदीप ज्ञावली सदस्य थे ।
कार्यदल ने कहा है कि परियोजना नेपाल को स्वीकार करना है तो उसमें संशोधन होना जरुरी है । इसके लिए एमसीसी कम्प्याक्ट में ११ सूत्रीय संशोधन भी समिति ने पेश किया है । कूल १६ सूत्रीय सुझाव में समिति ने कहा है कि एमसीसी हुबहु नेपाल में कार्यान्वयन नहीं हो सकता । प्रतिवेन की बुंदा नं. १४.६ में कहा है– ‘अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा और रक्षा रणनीति का एक महत्वपूर्ण बुंदा के रुप में हिन्द प्रशान्त रणनीति लाया गया है, उसी रणनीति के एक अंग के रुप में एमसीसी अंतर्गत का कार्यक्रम संचालित दिखाई देती है ।’ प्रतिवेदन में आगे कहा गया है– ‘कोई भी सैनिक तथा राजनीतिक शक्ति गठबंधन में शामील होना, अथवा किसी भी सुरक्षा संगठन अंतर्गत रहना, नेपाल की संविधान और नेपाल कम्युनिष्ट पार्टी की नीति और सिद्धान्त अनुसार अमान्य है ।’
लेकिन कार्यदल द्वारा हस्तान्तरित प्रतिवेदन में कार्यदल के ही सदस्य तथा परराष्ट्र मन्त्री प्रदीप ज्ञावली ने १५ सूत्रीय फरक मत भी पेश किया है । फरक मत में कहा गया है कि एमसीसी के संबंध में बाहर जिसतरह प्रचार–प्रसार हो रहा है, उसमें सत्यता नहीं है । उनका कहना है कि परियोजना की सुरक्षा के बाहने अमेरिकी सेना की प्रवेश, शिविर स्थापना, भू–राजनीतिक द्वन्द्व जैसे विषय में बाहर जिस तरह प्रचार–बाजी हो रहा है, उसमें कोई भी सत्यता नहीं है ।