सरकार की नीति तथा कार्यक्रम संघीयता की भावना विरुद्धः सांसद् यादव
काठमांडू, १८ मई । प्रतिनिधिसभा सदस्य प्रदीय यादव ने कहा है कि सरकार द्वारा संसद् में पेश सरकार की नीति तथा कार्यक्रम तथा अधिकांश योजना संघमुखी है, जो संघीयता की मर्म और भावना के ऊपर प्रहार करता है । सोमबार आयोजित संसद् बैठक में बोलते हुए उन्होंने ऐसा दावा किया है । सांसद् यादव को कहना है कि कृषि क्षेत्र की आधुनिकिकरण, व्यवसायिकरण, अस्पताल निर्माण, विदेश से आनेवालों युवाओं के लिए रोजगारी तथा तालीम जैसे कार्यक्रम में सिर्फ संघीय सरकार की भूमिका दिखाई दी है, यह संघीयता की भावना विपरित है ।
सांसद् यादव ने कहा– ‘हर भूमिका में संघ ही हावी है तो संघीयता की आवश्यकता क्यों ? नीति तथा कार्यक्रम में समावेश बुंदा नं. ९८ से ११४ तक, बुँदा नं. ८२,१२९, ४६, ३१ और ४७ में करेक्सन आवश्यक है, इसकी जिम्मेदारी प्रदेश की है ।’ उन्होंने यह भी कहा कि सरकार लकडाउन की समयावधि बढ़ा रही है, लेकिन कोरोना संक्रमितों की संख्या में कमीं नहीं आई है, उलटे बढ़ती जा रही है । उनका यह भी कहना है कि कोरोना नियन्त्रण के लिए सरकार के पास पर्याप्त समय होते हुए भी समय में सरकार क्रियाशील ना होने के कारण नेपाल में कोरोना संक्रमितों की संख्या में बढ़ोत्तरी हो रही है ।
सांसद् यादव ने यह भी कहा है कि निजी क्षेत्र से संचालित अस्पताल सरकारी निर्देशनों का पालना नहीं कर रहे हैं, इसीलिए सभी निजी अस्पताल को सरकारीकरण कर अब देश और जनता बचाने के लिए सरकार को अग्रसर होना आवश्यक है । कोरोना उपचार के लिए अस्पताल में आवश्यक पूर्वाधार, स्वास्थ्य सामाग्री, जनशक्ति की ओर भी ध्यान देने के लिए उन्होंने सरकार का ध्यानाकर्षण किया ।