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चुनाव भाडने की पुरी तैयारी, वैद्य माओवादी सक्रिय, सरकार मूकदर्शक ।

mohan-baidya१२ चैत, काठमाडू। एक ओर जहाँ सरकार चुनाव कराने के लिये वातावरण बना रही है वहीँ वैद्यपक्षीय नेकपा-माओवादी व्दारा किसी भी हालात मे चुनाव नही होने देने के लिये अपने कार्यकर्ता को सक्ख्त निर्देश्न दिया जारहा है । इसबीच वैद्यपक्षीय नेकपा-माओवादी के प्रवक्ता पम्फा भुसाल ने कहा है कि चुनाव नही होने देने के  उद्देश्य से ही उनके कार्यकर्तायों ने फोटो सहित के मतदाता नामावली संकलन मे अवरोध पहुँचाया है। प्रवक्ता भुसाल के अनुसार केवल मतदाता नामावली मे ही अवरोध पहुँचाने से असार मे संविधानसभा का चुनाव होना संभव नही हो सकता।
पूर्वी नेपाल के झापा, मोरंग, धनकुटा और सुनसरी मे संघीय लिम्बुवान के कार्यकर्ताओं से मिलकर माओवादी कार्यकर्ताओं ने फोटोसहित के मतदाता नामावली संकलन मे आइतबार से अवरोध पहुँचाना शुरु कर दिया है । देश के अन्य भाग मे भी माओवादी कार्यकर्ताओं ने नामावली अद्यावधिक करने के काम मे अवरोध करना शुरु गकर दिया है । हालाकिआन्दोलन के लिये दलों को मिलाकर बनाये गये ३३ दलीय गठबन्धन व्दारा सघंर्ष के लिये सार्वजनिक किये गये घोषणा पत्र मे मतदाता नामावली अद्यवधिक करने के अभियान को अवरोध करने का कोइ भी सर्त नही है । इसके बाबजुद माओवादी प्रवक्ता भुसालले ने कहा है कि किसी भी हालात मे हम चुनाव नही होने देगें ।
झापा के धरमपुर, लखनपुर, घैलाडुब्बा, मोरंग के उर्लाबारी, पथरी, सुनसरी के इटहरी और धनकुटा मे भी लिम्बुवान के कार्यकर्ता ने नेकपा माओवादी से मिलकर फोटोसहित के मतदाता नामावली अद्यावधिक करने के काम मे आइतबार को अवरोध किया है। इसीप्रकार नवलपरासी और म्याग्दी मे भी माओवादी कार्यकर्ताओं ने मतदाता नामावली संकलन मे अवरोध किया है । खिलराज रेग्मी के नेतृत्व मे होने वाले चुनाव अवैधानिक कहकर माओवादी कार्यकर्ताओं ने इसमे अवरोधकरना शुरु किया है ।
चुनाव मे विघ्न डालने के लिये मोर्चा का विस्तार
वैद्यपक्षिय नेकपा माओवादी ने संविधानसभा का चुनाव नही होने देने की रणीनित बनाकर विभिन्न क्षेत्रीय एवं जातीय पार्टी को अपना मोर्चा मे सामिल किया है । हलाकि इन छोटे-छोटे दलों के अन्दर भी चुनाव बहिस्कार करें या इसका उपयोग करे इस सम्बन्ध मे एक मत नही हो सका है । कइ छोटा दल चुनाव मे जाकर समानुपातिक के तरफ से एक/दो सीट जित्ने के लोभ मे इसी सरकार व्दारा चुनाव करवाने के पक्ष मे है । यद्यपि वैद्य नेतृत्व वाली माओवादी ने उनलोगों को रेग्मी नेतृत्व वाली सरकार को गिराकर गोलमेच मार्फत् दुसरा सरकार बनाकर चुनाव मे जाने के प्रस्ताव पर फुसला लिया है।

वैद्य के ३३ दलीय मोर्चा मे रहे पूर्व फोरम के नेता किशोर विश्वास ने भी वैद्यपक्षीय माओवादी का ही भाषा प्रयोग कर रहें हैं । जबकि ये नेता कह रहें हैं कि वे संविधानसभा के विरोध मे कभी भी नही थे लेकिन वे रेग्मी सरकारविरुद्ध प्रतिगमनविरोधी आन्दोलनमे जरुर है ।
उधर वीर नेम्वाङ के नेतृत्व मे गठित दुसरा जातीय मोर्चा के साथ भी  वैद्यपक्ष के माओवादी नेताओं से बातचीत हो रही है । माओवादी नेता खड्गबहादुर विश्वकर्मा और कोचिला इञ्चार्ज शाबित्रीकुमार काफ्ले के साथ भी उनलोगों की बात होने की जानकारी लिम्बुवान के नेता पदम अधिकारी ने दी है ।
कुमार लिंगदेन के नेतृत्व वाली मञ्च सम्वद्ध संघीय लिम्बुवान राज्य परिषद् के कार्यकर्ताओं ने वैद्य माओवादी के साथ मोर्चाबन्दी कर ली है।
मधेस मे अलग ही समस्या
एकतरफ जहाँ वैद्य चुनाव मे अबरोध करने की तैयारी मे है वहीँ दुसरी ओर अभी अभी जेल से निकलेजयप्रकाश प्रसाद गुप्ता तराई के सशस्त्र समूह को समेटेर आगे बढने की तैयारी कर रहें हैं । अशोक राई के नेतृत्व वाली संघीय समाजवादी और उपेन्द्र यादव के नेतृत्व वाली मधेसी जनअधिकार फोरम भी सरकारविरुद्ध आन्दोलन मे हैं । इसी मौका पर मधेस के सशस्त्र समूह भीसुगबुगा रहा है ।
सरकार मूकदर्शक
मोहन वैद्य नेतृत्व के माओवादी ने चुनाव बहिस्कार का माहोंल बना रहा है लेकिन निर्वाचन कराने की जिम्मेवारी लिये रेग्मी सरकार अभी तक इस तरफ कोइ भी अपना कदम नही चला है। सरकार ने वैद्य पक्ष के किसी भी नेता बातचीत तथा चुनाव कराने का वातावरण बनाने का कोई भी प्रयास नही किया है । छोटा दल समझ कर सरकार व्दारा उपेक्षा करने का आरोप ये दल लगा रहें हैं ।
नामावली संकलन नागरिक का मौलिक अधिकार
इसबीच संघीय समाजवादी पार्टी के नेता अजम्बर राई काङमाङ ने कहा है कि उनका दल ५ सूत्रीय माग सहित आन्दोलन मे रहकर भी मतदाता सूचि मे नाम लिखाने मे अवरोध नही करेगें । उनका कहना है कि जनता व्दारा मतदाता सूचि मे अपना नाम लिखाना उनका नैसर्गिक अधिकार है । ये सभी बाते अनलाइन खबर से की गइ है ।



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