वैद्य माओवादी चुनाव मे बाधाडालने का सामर्थ्य नही, भूमिगत समूह पर निगरानी वढी ।
काठमाडू – सुरक्षा संगठन के प्रमुखों की वैठक ने यह निष्कर्ष निकाला है कि वैद्य समुह वाली नेकपा–माओवादी निर्वाचन मे बाधा डालने का सामर्थ्य नही रखती है। नेकपा–माओवादी की केन्द्रीय समिति कि बैठक ने निर्वाचन नही होने देने का निर्णय सार्वजनिक किया था । ठीक दसरे दिन गृहसचिव नवीन घिमिरे की अध्यक्षता मे हुइ सभी सुरक्षा निकाय के प्रमुखों की बैठक मे ऐसा निष्कर्ष निकाला गया है।
पोखरा मे मंगलबार को समाप्त हुइ माओवादी की केन्द्रीय समिति की बैठक मे यह निर्णय किया गया था कि पार्टी की निचला तह तक की संरचना को परिचालन करके निर्वाचन मे बिध्न डाला जय तथा निर्वाचन किसी भी हालत मे नही होने दिया जाय । सशस्त्र प्रहरी बल के मुख्यालय मे बुधबार हुइ सुरक्षा बैठक युँ तो नियमित वैठक थी लेकिन यह वैठक चुनावकेन्द्रित सुरक्षा व्यवस्था पर हि केन्द्रित थी।
माओवादी व्दारा चुनाव मे वाधा डालने मे सक्षम होने का दावा उनलोगों व्दारा अपनी माँग पुरा कराने के उद्देश्य मे ही केन्द्रित होने का विश्लेषण गृह अन्तर्गत के सुरक्षा संगठन के प्रमुखों ने किया है ।
गृहसचिव नवीन घिमिरे, प्रहरी महानिरीक्षक कुबेरसिंह राना, सशस्त्र प्रहरी प्रमुख कोषराज वन्त, राष्ट्रीय अनुसन्धान विभाग प्रमुख मोति गुरुङ सहभागी हुये बैठक मे ‘वार्ता भी करने और चुनाव मे भी वाधा डालने की रणनीति से वे लोग खुद अनिश्चित मे पड गयें है’ निष्कर्ष निकाला गया है। सुरक्षा जासुसी संयन्त्र को वैद्य माओवादी की गतिविधि की निगरानी मे केन्द्रित करने की नीति बैठक मे ली गयी है।
‘अभी के अवस्था मे वे लोग (नेकपा–माओवादी)सँग चुनाव ही नही होने देने की क्षमता नही रखती है,’ बैठक का निष्कर्ष मे है ।
वह पार्टी निर्वाचन की तिथि दुर धकेल्ने और अपनी माग पूरा कराकर निर्वाचन मे भाग लेने की मनस्थिति मे नेकपा–माओवादी होने का सुरक्षा प्रमुखको का विश्लेषण है। सार्वजनिक रूप मे पार्टी के सभी संयन्त्र चुनाव के विपक्ष मे रहने का दाबी किया गया है लेकिन आन्तरिक रूप मे पार्ठी के संगठन के अन्दर ही कफी मतभेद होने की सूचना प्राप्त हुइ है।
विभिन्न दलों मे प्रवेश किये भूमिगत समूह के नेता के उपर भी निगरानी बढाउने की बात भी वैठक मे की गयी है ।
सदभावना पार्टी और संयुक्त जनतान्त्रिक मुक्ति मोर्चा के बीच हुइ मंगलबार को एकता केबारे मे भी बैठक मे सुरक्षा प्रमुखों व्दारा विश्लेषण की गयी है। तराई के सशस्त्र समूह सुधरने से ज्यादा नेताओं की व्यक्तिगत सुरक्षा के लिये किसी दल मे प्रवेश कर रहने की समीक्षा बैठक मे की गयी है। तराई का दुसरा सशस्त्र समूह राजन मुक्ति एमाले मे प्रवेश की तैयारी मे होने की बात सुत्र ने बताया है। इस समूह के नेता की गतिविधि पर भी प्रहरी व्दारा निगरानी बढायी जायगी ।