ग्रामीण किशोरियों के बीच ‘देसी गर्ल’
रियंका चोपड़ा को देखकर लड़कियां हतप्रभ!
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जयपुर तहसील के सांगनेर गांव में जब बॉलीवुड की ‘देसी गर्ल’ प्रियंका चोपड़ा एक स्कूल में पहुंची तो वहां पर पढ़ने वाली ग्रामीण लड़कियों को भरोसा ही नहीं हो रहा था कि उनके सामने स्टार हिरोइन आ गई हैं। दरअसल यूनिसेफ की ब्रांड एम्बेसेडर प्रियंका चोपड़ा शिक्षा और स्वास्थ्य के अभियान के तहत इस गांव में पहुंचकर लड़कियों से मुखातिब हुई थी।
प्रियंका ने सांगनेर गांव ग्रामीण पाठशाला में जाकर लड़कियों से नारे लगवाए कि वे बाल विवाह को रोकेंगी और 18 साल की उम्र के पहले कभी भी विवाह के लिए मंजूरी नहीं देंगी। प्रियंका यहां की ग्रामीण महिलाओं से भी मिली और उन्हें अपने स्वास्थ्य की देखभाल सही तरह से करने की नसीहतें दी।
प्रियंका ने कहा कि जब मुझे यूनिसेफ का ब्रांड एम्बेसेडर नियुक्त किया, तभी मैंने फैसला कर लिया था कि मेरे दो ही टारगेट रहेंगे। हेल्थ और एज्युकेशन। मुझे मालूम हैं कि सबसे ज्यादा प्रोटेंशल युवाओं पीढ़ी में है।
बॉलीवुड बाला ने कहा कि राजस्थान ही नहीं बल्कि देश के अधिकांश ग्रामीण अंचलों में शिक्षा और स्वास्थ के प्रति जागरुता की कमी है और इसी कमी को दूर करने के लिए मैं गांवों का दौरा कर रही हूं। मैंने पाया कि ग्रामीण अंचलों की 47 फीसदी किशोरियों का वजन बहुत कम है जबकि 50 प्रतिशत से ज्यादा महिलाओं में खून की कमी है।
प्रियंका के अनुसार यदि मैंने कुछ हजार लड़कियों के मन को परिवर्तित कर दिया तो मैं मानूंगी कि मेरा यूनिसेफ का ब्रांड एम्बेसेडर बनने का मकसद पूरा हो गया। मैं देश की हर किशोरी को स्वस्थ और शिक्षित देखना चाहती हूं। मैं यह जानती हूं कि यह बहुत मुश्किल कार्य है लेकिन यदि शुरुआत कर दी जाए तो कुछ सफलता तो मिल ही सकती है।
सांगनेर गांव में बिताए गए समय को प्रियंका कभी नहीं भूलेंगी। उन्होंने कहा कि वहां पर 60-70 लड़कियों के बीच में मैं एक टीचर बन गई थी और ऐसा लग रहा था कि ये जॉब भी बुरा नहीं है। जिन लड़कियों से मैंने बातचीत की, मुझे भरोसा है कि वे आगे चलकर मेरी बातों को याद रखेंगी और इसी से एक अच्छे समाज का निर्माण होगा। (वेबदुनिया न्यूज)