क्या षड़यंत्र का शिकार हो रही है हमारी युवा पीढ़ी : कंचना झा
काठमांडू, ९ सितंबर २०२२ ।
जिस हिन्दू सभ्यता संस्कृति पर हमें नाज है जहाँ हम सीता, दुर्गा, राधा, काली, चण्डिका की बातें करते हैं या उस सभ्यता को मानते हैं जहाँ नारी की पूजा की जाती है ।बदलते समय में आज की नारी अपनी पूजा नहीं चाहती । वो चाहती है कि वो पुरुषों के साथ कदम से कदम मिला कर चले । वो आरक्षण की बात करती है । अपने लिए समानता की मांग करती है । वहीं आज की हमारी बच्चियां न जाने कौन सी राह पर चल रही हैं । हर दिन कभी बलात्कार तो कभी यौन हिंसा की शिकार हो रही हैं ।
बात सोचने की है कि गलती आखिर किसकी ? लड़के की या लड़की की ? मेरी राय दोनों की गलती मानती है । आज जो घटनाएं लगातार हो रही हैं उसपर एक बहस या कहें कि अनुसंधान आवश्यक है । यह आलेख तैयार करते समय तक नेपाली राष्ट्रीय क्रिकेट टीम के कप्तान संदीप लामिछाने के विरुद्ध जिला अदालत काठमांडू ने कहा है कि या तो वो स्वयं आए नहीं तो इंटरपोल के द्वारा हम उसे वापस लाएंगे । ।संदीप लामिछाने नेपाली राष्ट्रीय क्रिकेट टीम के कप्तान पर एक नावालिग लड़की के साथ बलात्कार करने का आरोप लगाया गया है । वैसे आज ही संदीप ने राष्ट्रीय क्रिकेट बोर्ड को फोन से सम्पर्क किया और कहा कि मैं निर्दोष हूँ । कानूनी हिसाब से आप सभी मेरी सहायता करें । अब कानून क्या करेगा ? कैसे करेगा ? ये सभी भविष्य की बातें है ।
संदीप लामिछाने पर काडमांडू के कॉलेज में अध्ययनरत एक नाबालिग किशोरी ने शिकायत दर्ज करते हुए कहा कि संदीप ने उसके साथ भाद्र ५ गते को काठमांडू के एक होटल में बलात्कार किया । किशोरी ने यह भी बताया कि पहले भी वह संदीप के साथ नगरकोट घूमने गई थी । नेपाल पुलिस अनुसंधान कर रही है । इस आरोप के बाद अदालत ने गिरफ्तारी वारंट जारी कर दिया है और क्रिकेट बोर्ड ने एक आदेश जारी कर उसे सस्पेंड कर दिया है । २२ साल का है संदीप उसे भविष्य में बहुत कुछ करना था मगर अभी की स्थिति ऐसी है कि वो तुरंत देश वापस आएंगे और काठमांडू की अदालत में पेश होंगे । सोचनीय बात यह है कि क्या हो रहा है हमारे समाज में । कहें तो इस इशू ने बहुत बड़ी बहस शुरु कर दी है हमारे समाज में । खासकर पिछले कुछ समय में तो इतनी घटनाएं बाहर आई है कि मन दहल जाता है । सरकार ने पिछले कुछ दिनों में कुछ कड़े नियम बनाए हैं महिलाओं को लेकर । जैसे यदि कोई १८ वर्ष से कम की महिला है और उसकी मर्जी के बिना यदि संबंध बनाया जाए तो वह बलात्कार या बाल यौन दुव्र्यवहार कहलाएगा । इसी कानून के कारण पिछले कुछ समय में युवा अभिनेता पल शाह अभी साढ़े दो वर्ष की सजा काट रहें हैं । पिछले वर्ष कलाकार पल शाह के उपर नाबालिक गायिका के साथ बलात्कार करने का आरोप लगाया गया था । पीडि़ता के पिता ने शिकायत दर्ज की जिसके आधार पर प्रहरी ने मुद्दे को आगे बढ़ाया था । पीडि़ता के पिता ने १२ से १४ वर्ष सजा की मांग की थी । अपने शिकायत पत्र में पीडि़ता के पिता ने उल्लेख किया था कि शुटिंग के क्रम में कलाकार पल शाह के साथ टीम के और लोग भी २०७७ के गैडाकोट के एक रिसोर्ट में साथ थे । उसी दिन रात को पल शाह पीडि़ता के कमरे में घुसा और उसके साथ बलात्कार किया । उन्होंने यह भी शिकायत दर्ज कराई कि पल शाह उस दिन नशे में था ।
पल शाह अभी जेल में हैं और अब बारी है क्रिकेटर संदीप की । सोचने की बात यह है कि क्या गलती केवल और केवल लड़कों की होती है । आज की हमारी बच्चियां गलतियां नहीं कर रही है । सबसे पहले तो हम इस बात को जाने कि अभी भी हम उसी परिवेश से आते हैं जहाँ १६ –१७ वर्ष में बेटियां ब्याह दी जाती है । ये शहर की बात नहीं हो रही है । गाँव कस्बे में इतनी छोटी उम्र में विवाह अब भी की जाती है । यानी १७ –१८ वर्ष की हमारी बच्चियां बहुत कुछ समझ सकती हैं । किसी से साथ चलने बोलने से पहले वो आंक तो लें कि वो किसके साथ आ जा रही हैं ?या फिर किसके साथ खा पी रही हैं ? किसके साथ होटलों में आराम कर रही हैं ? क्या ये दायित्व लड़कियों की नहीं है कि चार बार सोचें ? मैं ये नहीं कह रही हूँ कि गलती संदीप या पल शाह जैसे लड़कों की नहीं है । एक राष्ट्रीय टीम का कप्तान और एक अभिनेता किसी के साथ घूमने फिरने से पहले जरुर सोचें कि वो क्या मायने रखता है समाज के लिए । बहुतों के आदर्श होते हैं ये लोग । बहुत से बच्चे बच्चियां उन जैसा बनना चाहते हैं लेकिन एक मुकदमा, एक केस , एक बयान और सबकुछ खत्म । तो क्या इस राह पर चलें हमारे युवा । पल शाह और संदीप के आरोपी पाए जाने के बाद महिलावादी सोच सिर्फ और सिर्फ लड़कों की गलतियों को देखती हैं । मैं मानती हूँ कि गलती पुरुष वादी सोच और पुरुषों की है मगर हम क्या कम हैं ? इस नजर से भी एक बार देखा जाना चाहिए । हम जिस समाज में रहते हैं वहाँ विवाह से पूर्व के संबंध को गलत माना जाता है क्या हम वाकिफ नहीं हैं इन बातों से ? कहीं हम किसी षड़यंत्र के शिकार तो नहीं हो रहे हैं ? ये सिर्फ मेरा नजरिया है कि किसी भी काम में दोनों की सहमति होती है तो तहकीकात हो , खोजबीन हो, सीसी फूटेज देखें और सजा दोनों को मिले , सबक सबके लिए एक हो । यह नहीं कि आप घूम फिर रहें हो, खा पी रहें हो साथ साथ और अचानक से इस तरह की बात हो जाए । बहुत एतिहात की जरुरत है , अनुसंधान की जरुरत है ।