डेंगू नियंत्रण के लिए स्वास्थ मंत्रालय से ज्यादा महानगरपालिका जिम्मेदार है –ज्ञवाली
काठमांडू, १५ सितंबर
देश में डेंगू बुखार अभी अपने चरम पर है । हर घर में एक या दो लोग डेंगू बुखार से पीडि़त है । अगर डेंगू को लेकर अभियान नहीं चलाया गया तो खतरे के आसार नजर आ रहें हैं । फिलहाल डेंगू से ११ लोगों की मृत्यु हो चुकी है और ११ हजार से ज्यादा लोग इसकी चपेट में हैं । विज्ञों का कहना है कि यदि मच्छड़, फूल और लार्भा को नष्ट नहीं किया गया तो संक्रमण गंभीर रुप ले सकता है । विज्ञों ने उपत्यका के साथ ही और जगहों पर अभी तक मच्छड़, फूल और लार्भा खोजने के लिए ‘सर्च एण्ड डिस्ट्रोय’ अभियान नहीं शुरु हुआ है इसको लेकर अपनी चिंता व्यक्त की है ।
अभी सीटामोल की भी कमी देखी जा रही है बाजार में । राजधानी के बहुत से दवाई दुकान में सिटामोल नहीं मिल रहा है । इपिडिमियोलजी तथा रोग नियंत्रण महाशाखा के अनुसार सबसे ज्यादा खतरा में रहने वालों १० जिलों में ही मात्र ९ हजार २ सौ २६ केस देखा गया है । ज्यादा खतरे में काठमांडू,ललितपुर , भक्तपुर, मकवानपुर, रुपन्देही,दाङ, धादिङ,तेरहथुम, काभ्रेपलांचोक,और चितवन है ।
काठमांडू में २ हजार ५ सौ केस आ चुका है लेकिन डेंगु नियंत्रण में महानगरपालिका विफल हो चुकी है डॉ. ज्ञवाली ने कहा है । यहाँ हर घर में डेगू पहुँच चुका है लेकिन डेंगू नियंत्रण के लिए महानगर को जिस गति से अभियान चलाना चाहिए था नहीं चला पाया है ।
जनचेतना मूलक कोई काम नहीं किया गया है । डेंगू नियंत्रण के लिए स्वास्थ मंत्रालय से ज्यादा महानगरपालिका जिम्मेदार है ज्ञवाली ने कहा है ।