कांग्रेस द्वारा मापदण्ड का उल्लंघन, पहुँच वालों का ही नाम रखा है समानुपातिक में
काठमांडू, ६ अक्टूबर– नेपाली कांग्रेस ने अपने मापदण्ड का स्वयं ही उल्लंघन करते हुए समानुपातिक संशोधित बन्दसूची को तैयार किया है ।
निर्वाचन आयोग में जो कांग्रेस ने बन्द सूची पेश किया है उसे बुधवार सार्वजनिक किया गया है ।बन्दसूची बुधबार को सार्वजनिक हुआ है जिसमें प्रत्यक्ष से चुनाव जीतकर और मन्त्री हो चुके नेता है जो समानुपातिक में भी बार बार अवसर प्राप्त कर चुके हैं । यानी कुछ अलग नहीं किया है कांग्रेस ने इस बार भी । भादव २९ में हुई बैठक में ही कांग्रेस संसदीय बोर्ड ने समानुपातिक उम्मीदवारों के चयन के लिए चार मापदण्ड तय किया था जिसमें २०७४ में समानुपातिक की ओर उम्मीदवारी में दिए हुए नेताओं को ही संघ और प्रदेश दोनों ओर से उम्मीदवार बनाने का उल्लेख है । लेकिन कांग्रेस ने आयोग में जो सूची तैयार कर दिया है ये मापदण्ड का उल्लंघन है । खसआर्य महिलाओं में मन्जु खाँड का नाम है । गृहमन्त्री बालकृष्ण खाँण की पत्नी है वो और २०७४ की बन्दसूची में भी खसआर्य महिला की ८ नमंर में थी । लेकिन समानुपातिक सांसद नहीं बन पाई थी ।
खासआर्य पुरुष पिछड़े क्षेत्र में जयपति कानाम है इससे पहले भी वो इसीे क्लस्टर में थे ।
आदिवासी जनजाति महिला के तीसरे नम्बर में हैं सीता राना मगर वो भी २०७४ में समानुपातिक के बन्दसूची में थीं । आदिवासी जनजाति पुरुष की ओर से गोपालसिंह राजभण्डारी, महिला की ओर से मनोरमा शेरचन, दलित महिला की और तर्फ आशा विक, मधेसी महिला की ओर से मिनाक्षी झा भी २०७४ साल की समानुपातिक की बन्दसूची में थीं तो क्या अलग नाम है इसबार ।
यदि संसदीय बोर्ड द्वारा बनाए गए मापदण्ड अनुसार समानुपातिक उम्मीदवारों का चुनाव में ये लोग स्वतः बन्दसूची से बाहर होने थे । लेकिन स्वयं बनाए मापदण्ड का उल्लंघन करके कांग्रेस ने इस बार फिर उन्हीं लोगों का नाम समानुपातिक उम्मीदवार के रुप में रखा है ।
कहने का तात्पर्य यह है कि मापदण्ड उल्लंघन करते हुए समानुपातिक की बन्दसूची में रखें हुए नाम सांसद बनने का अवसर पाने की सम्भावना कम है ।क्योंकि उन सबका नाम क्लस्टर के पहले नम्बर में नहीं है ।
इसी तरह बन्दसूची को इस बार भी देखते हुए यही कहा जा सकता है कि बार बार जो मंत्री हो चुके हैं उनका ही नाम है । खसआर्य महिला के पहले नम्बर में अम्बिका बस्नेत, दूसरे नम्बर में सरीता प्रसाई, तीसरे नम्बर में आरजु राणा देउवा और चौथें नम्बर में ईश्वर न्यौपाने का नाम है । इन सभी का नाम २०७० के संविधानसभा में समानुपातिक सांसद में था । आज फिर उन्ही को जगह दिया गया है ।
खस आर्य पुरुष के पहले नम्बर में प्रकाशशरण महत हैं ।पूर्व परराष्ट्रमन्त्री रह चुके ये २०७० में भी समानुपातिक से ही सांसद बने थे । खासआर्य पुरुष के तीसरे नम्बर में हैं आनन्द ढुंगाना ये भी २०७० में समानुपातिक सांसद हो चुके हैं ।
आदिवासी जनजाति पुरुष के पहले नम्बर में गोपालमान श्रेष्ठ हैं । पूर्वमन्त्री बन चुके श्रेष्ठ २०७० में भी समानुपातिक की ओर से सांसद बने थे । दलित पुरुष के पहले नम्बर में हैं जीवन परियार ये भी २०७० में समानुपातिक सांसद बनने का अवसर मिला था । पार्टी सहमहामन्त्री रहे वो एकबार फिर समानुपातिक में हैं ।
मधेसी पुरुष में पहले नम्बर में बिमलेन्द्र निधि हैं । बार बार चुनाव जीत चुके और उपप्रधानमन्त्री तक बने निधि सांसद बने सुरक्षित रास्ता खोज रहें हैं और समानुपातिक में अपन नाम दर्ज करवाया है । अनिल रुंगटा २०७० के दूसरे संविधान सभा में मंत्री परिषद से मनोनित सांसद थे ।
मधेसी महिला के पहले नम्बर में नागिना यादव, दूसरे में मुक्ताकुमारी यादव और तीसरे नम्बर में चन्दा चौधरी हैं । २०७४ में तत्कालीन राष्ट्रीय जनता पार्टी की ओर से समानुपातिक सांसद बनी चंदा चौधरी ने १२ गते असोज में कांग्रेस में प्रवेश किया है । लेकिन कांग्रेस ने समानुपातिक कीे बन्दसूची संशोधन करके अपना नाम डालने में सफल रही हैं ।
थारु पुरुष के पहले नम्बर में योगेन्द्र चौधरी २०७४ में तत्कालीन फोरम लोकतान्त्रिक से समानुपातिक सांसद थें ।