Thu. Mar 28th, 2024

करुणा झा:एक ओर नारी-स्वतन्त्रता तथा सुरक्षा का नारा लगाते हुये १०४ वां अन्तर्रर्ाा्रीय नारीदिवस मनाया जा रहा था, वहीं दूसरी ओर एक महिला को जिन्दा जलाकर मारने की घटना अभी ठंडी भी नही हर्ुइ थी कि एक और महिला की हत्या होने से सप्तरी चर्चा का विषय बना हुआ था । फागुन २४ गते यानी ८ मार्च को राजविराज-७ निवासी नजराना खातून को जिन्दा जलाकर मारने की घटना को अभी एक सप्ताह भी नहीं बीता था कि चैत्र १ गते सप्तरी के त्रिकौल-५ निवासी ३८ वषर्ीया निर्मला देवी साह की हत्या हो गई । घर में कोई भी सदस्य न रहने के कारण, मौका देखते हुये निर्मला देवी की हत्या की गई । मृतका के शरीर के जख्मों को देखते हुये हत्या में धारदार हथियार का प्रयोग किया गया है, ऐसा सप्तरी पुलिस अनुमान लगा रही है ।
गत अगहन ४ गते सम्पन्न दूसरे संविधान सभा निर्वाचन में जनतान्त्रिक मधेश मुक्ति र्टाईगर्स की तरफ से समानुपातिक उम्मीदवार रही निर्मला साह की हत्या से पहले उसके साथ बलात्कार भी किया गया था । स्थानीय निवासियों का कहना है कि गाँव में किराना दूकान चलाकर जीवन यापन कर रही साह की दूकान जब बहुत देर तक नहीं खुली तो लोगों को आशंका हर्ुइ और तभी यह पता चला कि उसकी हत्या हो गई है ।
स्थानीय जानकारी के आधार में पहुँची पुलिस को घर के आँगन में निर्मला की लाश मिली थी । कुछ साल पहले मोटरर्साईकिल दर्ुघटना में उसके पति की मौत हो गई थी । पति जयकुमार साह की मृत्यु के बाद वह अपने पुत्र दीपक कुमार के साथ रह रही थी । घटना के दिन पुत्र दीपक ने बताया कि वह लहान गया हुआ था । दीपक का मानना है कि कुछ समय से चले आ रहे जमीन विवाद के कारण उसकी माँ की हत्या हर्ुइ है । मेरे नहीं रहने के कारण, और जमीन के कागजात नहीं मिलने के कारण ही मेरी माँ की हत्या हर्ुइ है, ऐसा दीपक का कथन था । यद्यपि पुलिस ने कुछ लोगांे को हिरासत में लेकर अनुसन्धान शुरु कर दिया है । किन्तु कोई ठोस नतीजा अब तक सामने नही आया है ।
इससे एक सप्ताह पहले ही, अन्तर्रर्ाा्रीय नारी दिवस के दिन ही राजविराज-७ निवासी २३ बषर्ीया नजराना खातून की हत्या हर्ुइ थी । खाना खाकर दिन में लेटे हुए अवस्था मे, उसके उपर मिट्टी तेल डÞालकर आग लगा दिया गया, ८० प्रतिशत जल चुकी खातून की मौत अस्पताल में उपचार के क्रम में हर्ुइ । जिला प्रहरी कार्यालय सप्तरी ने बताया कि आधा से अधिक जल जाने के कारण राजविराज स्थित सगरमाथा अंचल अस्पताल में भर्ती खातून को विशेष उपचार के लिए वी.पी. कोईराला स्वास्थ्य विज्ञान प्रतिष्ठान धरान रेफर किया गया था । उसी क्रम में उसकी मृत्यु हर्ुइ ।
नजराना की हत्या में संलग्न रहने की आशंका में उसकी सास ४५ वषर्ीया बानो खातून, जेठानी २३ वषर्ीया नूरजहां खातून को पुलिस ने नियन्त्रण में लिया है, परन्तु कोई खास नतीजा नहीं निकला । यद्यपि राष्ट्रीय महिला मानवअधिकार आयोग ने अपने प्रारम्भिक प्रतिवेदन मे सास और जेठानी की संलग्नता की पुष्टि की है । आयोग की सदस्या मनु हुमागाई तथा उर्मिला विश्वकर्मा ने गत बुधवार राजविराज में एक पत्रकार सम्मेलन की आयोजना कर प्रतिवेदन को र्सार्वजनिक भी किया । मृतक की सास बानो का झगडÞालु स्वभाव तथा आवेश में आकर बेवजह काम करने कि आदत से पूरा परिवार पीडिÞत था, यह घटना भी उसी की वजह से हर्ुइ होगी ऐसा मनु ने बताया । घटना के २० दिन पहले ही मृतका का पति गुड्डु अन्सारी विदेश गया था और जाते समय उसने कहा था कि एक सप्ताह के भीतर ही नजराना को मायके पहुँचा देना, ऐसी जानकारी परिवार के सदस्यों ने दी ।
नजराना को लगा कि अगर वह मायके जाती है तो उसका पति सारा पैसा अपनी माँ के नाम से भेजेगा इसलिए उसने मायके जाने से इन्कार कर दिया और इसी वजह से सास बहू में विवाद हुआ और जिसके कारण अंततः नजराना की हत्या हो गई । कितनी अजीब विडम्बना है हमारे समाज की एक तरफ हम नवदर्ुगा की पूजन कर, कन्या पूजन करते है । दूसरी तरफ कन्याओं के भ्रूण से ही हत्या का सिलसिला शुरु कर देते हैं । बडेÞ-बडÞे कानून बनते हैं महिलाओं के हक में । बड-बडÞे राजनीतिक भाषणों मे आरक्षण के वादे किये जाते हैं ।
सरकारी हो या गैर सरकारी सब तरफ से महिलाओं के लिए कार्यक्रम चलाये जाते हंै, दूसरी तरफ उतनी ही तेजी से महिलाओं पर हिंसा, अत्याचार, बलात्कार और हत्याएँ भी बढ रही हैं । इससे लगता है कि हाथी के खाने के दाँत और दिखाने के और हैं । पूरे विश्व स्तर पर महिला शक्तिकरण के नाम पर करोडÞों अरबों खर्च किये जाते हैं । हम किधर जा रहे हंै – हमारा समाज किधर जा रहा है – आये दिन इसी तरह हत्याएँ होती रहती हैं, महिलाओं की । आज भी जहाँ नारियों के अस्तित्व अस्मिता और जान एक मजाक बनी हर्ुइ है, ऐसे समाज में रहते हुए हम कैसे नारी शोषण के विरुद्ध आवाज बुलंद कर सकेंगे –





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