दिल्ली में आम आदमी पार्टी के समर्थकों और पुलिस के बीच तिहाड़ जेल के बाहर झड़प हुई है. इससे पहले पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल को अदालत ने न्यायिक हिरासत में भेज दिया था.
योगेंद्र यादव सहित आम आदमी पार्टी के कई नेता और समर्थक जेल के बाहर प्रदर्शन कर रहे हैं. योगेंद्र यादव ने मीडिया से कहा, “जो लोग भ्रष्ट हैं वो जेल से बाहर हैं और जो भ्रष्टाचार का विरोध कर रहे हैं वो जेल के अंदर.”
तिहाड़ जेल के बाहर धारा 144 लगा दी गई है.
नितिन गडकरी मानहानि मामले में अरविंद केजरीवाल ने अदालत की तरफ़ से निर्धारित 10 हज़ार का मुचलका भरने से मना कर दिया था. उसके बाद अदालत ने उन्हें 23 मई तक के लिए न्यायिक हिरासत में भेज दिया. यह मामला दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट में चल रहा है.
मामला आम चुनाव से पहले का है जब अरविंद केजरीवाल ने एक पत्रकार वार्ता में 13 लोगों पर भ्रष्ट होने का आरोप लगाया था, जिनमें नितिन गडकरी का भी नाम लिया गया था.
इसके बाद कई अन्य नेताओं समेत नितिन गडकरी ने उन पर मानहानि का मुकदमा किया था.
नितिन गडकरी की वकील पिंकी आनंद ने बताया कि अरविंद केजरीवाल ने पार्टी के आदर्शों का हवाला देते हुए ऐसा करने से इनकार कर दिया जिसके बाद उन्हें हिरासत में ले लिया गया.
पिंकी के मुताबिक, “कोर्ट ने कहा कि आम आदमी पार्टी के नेता अरविंद केजरीवाल, अदालत से ख़ास तरीके का रवैया क्यों चाहते है? उन्हें भी आम लोगों की तरह मामले की सुनवाई के लिए ज़मानत बॉन्ड भरनी होगी. जब तक वो ऐसा नहीं करते उन्हें न्यायिक हिरासत में रहना होगा.”
बुधवार को कोर्ट में क्या हुआ
बताया जाता है कि केजरीवाल ने कहा, ‘मैं भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई लड़ रहा हूं। मुझे जमानत नहीं चाहिए, क्योंकि मैंने कुछ भी गलत नहीं किया।’ हालांकि, केजरीवाल ने अदालत में पेश होकर कहा था कि वह हलफनामा देने को तैयार हैं, जिसमें यह आश्वासन दिया जाएगा कि वह मामले की प्रत्येक सुनवाई पर अदालत में हाजिर रहेंगे। केजरीवाल के वकील की तरफ से कोर्ट में कहा गया कि उनके मुवक्किल कानून से भाग नहीं रहे। इस पर मजिस्ट्रेट ने कहा, हम आपकी बात से सहमत है, लेकिन आपको बेल बांड देने में हर्ज क्या है।
मजिस्ट्रेट ने साफ कहा कि बेल बांड जमा कराना एक कानूनी प्रकिया है और ऐसा नहीं कर आप (केजरीवाल) अलग ट्रीटमेंट चाह रहे हैं। आपसे उम्मीद की जाती है कि आप एक आम आदमी की तरह व्यवहार करें। वहीं, गडकरी के वकील ने भी केजरीवाल की दलीलों का विरोध किया। अदालत ने इस मामले में चार बजे तक अपना आदेश सुरक्षित रख लिया था। चार बजे अदालत ने फैसला सुनाया कि जमानत नहीं लेने या निजी मुचलका नहीं भरने की स्थिति में केजरीवाल को जेल भेजा जाए।
बुधवार सुबह जब केजरीवाल कोर्ट में पेश हुए थे तो कहा कि उन्होंने कोई जघन्य अपराध नहीं किया है और वह किसी विशेष व्यवहार की उम्मीेद नहीं कर रहे। उन्होंने मजिस्ट्रेट से कहा कि यह मेरा सिद्धांत है कि जब मैंने कुछ गलत किया ही नहीं तो मैं जमानत नहीं मांगूगा। मैं जेल जाने को तैयार हूं। केजरीवाल की तरफ से पेश हुए वरिष्ठक वकील प्रशांत भूषण और राहुल मेहरा ने मजिस्ट्रेट से कहा कि ये मामले राजनीतिक प्रकृति के हैं और आम आदमी पार्टी के सिद्धांत के अनुसार केजरीवाल जमानत के लिए मुचलका नहीं भरेंगे। भूषण ने यह दलील भी दी कि उनके मुवक्किल न तो सबूतों से छेड़छाड़ कर सकते हैं और न ही गवाहों को प्रभावित करेंगे।
गडकरी की ओर से पेश वरिष्ठ वकील पिंकी आनंद ने बचाव पक्ष की दलील का विरोध करते हुए कहा कि कानून में हलफनामा देने की कोई प्रक्रिया नहीं है और न ही कानून किसी के लिए अलग हो सकता है।