नेपाल-भारत साहित्य समारोह अंतर्गत ‘पुस्तक विमोचन एवं परिचर्चा’ (फोटो सहित)

काठमांडू, 17 जून 023 । भारतीय राजदूतावास, काठमांडू द्वारा ‘नेपाल- भारत साहित्य महोत्सव’ के अंतर्गत ‘पुस्तक विमोचन एवं परिचर्चा’ कार्यक्रम का आयोजन नेपाल-भारत पुस्तकालय में किया गया।
कार्यक्रम में दो पुस्तकों का विमोचन, प्रमुख अतिथि नेपाल प्रज्ञा प्रतिष्ठान के कुलपति श्री भूपाल राई के कर-कमलों से किया गया। नेपाल के वरिष्ठ साहित्यकार डॉ राम दयाल राकेश द्वारा समकालीन नेपाली कविताओं का हिंदी अनुवाद ‘समकालीन नेपाली कविताएँ’ का विमोचन किया गया। यह पुस्तक भारतीय राजदूतावास द्वारा प्रकाशित है । साथ ही, त्रिभूवन विश्वविद्यालय की हिंदी प्राध्यापक तथा हिमालिनी के सम्पादक डॉ श्वेता दीप्ति के शोध परक आलेखों के संकलन की पुस्तक ‘साहित्य शोध समिधा’ का भी विमोचन किया गया। ‘साहित्य शोध समिधा’ का प्रकाशन बीपी कोईराला नेपाल-भारत फाउंडेशन के सहयोग से डॉ कृष्णचन्द्र मिश्र पब्लिकेशन, काठमांडू द्वारा किया गया है ।
प्रमुख अतिथि श्री भूपाल राई ने अपने मंतव्य में कहा कि नेपाल और भारत के बीच सांस्कृतिक एवं सामाजिक संबंधों को सुदृढ़ करने में भाषा एवं साहित्य की अहम भूमिका है। उन्होंने नेपाली और साहित्यकारों की सहभागिता और रचनाधर्मिता के लिए उनकी सराहना की तथा समय-समय पर ऐसे साहित्यिक कार्यक्रमों का आयोजन करने के लिए भारतीय दूतावास का आभार व्यक्त किया।
डॉ राम दयाल राकेश ने अपने संबोधन में साहित्य और अनुवाद के महत्व पर प्रकाश डालते हुए विगत से इस दिशा में चले आ रहे प्रयासों एवं विभिन्न कार्यकलापों के बारे में बताया।
डॉ श्वेता दीप्ति ने विशेष रूप से अपनी पुस्तक की व्यापक विषय-वस्तु और शीर्षक का उल्लेख किया तथा अपनी साहित्यिक यात्रा के पड़ावों के बारे में बताया।
इस अवसर पर वरिष्ठ साहित्यकार एवं संस्कृतिविद डा गंगा प्रसाद अकेला ने भी अपने विचार रखे ।
डा आसावरी बापट, निदेशक, स्वामी विवेकानंद केंद्र ने धन्यवाद ज्ञापन दिया ।
कार्यक्रम में अनेक साहित्यकार, कवि, शिक्षक एवं भाषा प्रेमी उत्साहपूर्वक सम्मिलित हुए।
भारतीय दूतावास समय-समय पर साहित्यिक एवं सांस्कृतिक कार्यक्रमों के आयोजन के माध्यम से नेपाल-भारत के बीच साहित्यिक सेतु को सुदृढ़ करने की दिशा में कार्यरत है ।
पूरे कार्यक्रम का सफल संचालन श्री सत्येन्द्र दहिया ने किया ।
