हिन्दी तो बस हिन्दी ही है, अनमोल चमकती बिंदी है : अयोध्यानाथ चौधरी
14 सितम्बर 23


जनकपुर
हिन्दी तो बस हिन्दी ही है
अनमोल चमकती बिंदी है ।
भाषाओं से ही अभिव्यक्ति है
भाषा तो जुबाँ की शक्ति है ।
भाषा पर न कोई नियंत्रण हो
सब भाषाओं का आमंत्रण हो।
भाषा तुम जितनी जान सको
उतना ही विश्व पहचान सको ।
भाषा सम्बन्ध को जोड़ती है
अन्यमनस्क भाव को तोड़ती है ।
अनुर्वर धरती को तोड़ती है
फिर हरीतिमा को ओढ़ती है ।
हम पले- बढ़े थे मैथिली मे
हम पढ़े- लिखे थे हिन्दी मे ।
फिर नेपाली हमने सीखी
फिर अंग्रेजी हमने लिखी ।
अब संकीर्णता लगे फीकी
फिर ब्यापकता बहुत दिखी ।
भाषा के ज्ञान का हो न अन्त
ज्ञान का श्रोत हो दिग्- दिगन्त।
जब विश्वराज्य की करें कल्पना
सब भाषायें लगे अपनी ।
सारी संस्कृति , सारी भाषा
उन्नयन हमारी अभिलाषा ।
सब भाषाओं का दिवस मने
हम बहुभाषाविद, बिज्ञ बने ।
आज हिन्दी दिवस मनाएँ हम
पर किसी का आकलन ना हो कम ।
@ अयोध्यानाथ चौधरी
जनकपुरधाम, नेपाल
ईमेल- anchy.jnp@gmail.com