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मधवापुर, मटिहानी सीमा पर दोनों देशों की वाहनों की रोकथाम पर नेपाल -भारत भ्रातृ मंच ने आपत्ति जतायी


जनकपुरधाम/मिश्री लाल मधुकर । मधुबनी जिला के मधवापुर तथा नेपाल के महोतरी जिला के मटिहानी भले ही दो देश में अवस्थित है। लेकिन दोनों देशों के बीच सीमा से कोई बाधा नहीं है।हर सुख दु:ख में मधवापुर, मटिहानी के नागरिक एक दुसरे को साथ रहते हैं। दोनों देशों के नागरिकों का स्वजातीय भोज भी एक साथ खाते हैं, लेकिन पिछले कुछ महीनों से मधवापुर, मटिहानी बोर्डर से चार पहिया वाहन के रोक पर भारत की ओर से.एस. एस.वी.रोक लगा दी है। इस रोक से दोनों देशों के दो लाख से अधिक आबादी प्रभावित हुयी है। लोगो को जहां धार्मिक शहर जनकपुरधाम जाने में जहां 26किलोमीटर जटही बोर्डर जाना पड़ता है। वहीं भिट्ठा मोड़ बोर्डर की दूरी 22किलोमीटर है।एस.एस.वी.के जवान यह कह कर पल्ला झाड़ रहे हैं कि सीमा हैदर जब से नेपाल होकर भारत प्रवेश की है इसी वजह से भारत सरकार ने ऐसी सख्ती बरती है। नेपाल -भारत भ्रातृ मंच के संयोजक डा.नवल किशोर सिंह ने चार पहिया वाहन रोकने पर कड़ी आपत्ति व्यक्त किया है। उन्होंने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा है कि यह नेपाल -भारत 1950की संधि का उल्लंघन हैं। वास्तविक राम जानकी मार्ग यही है। जानकी मंदिर के निर्माण के समय राजस्थान के मकराना से संगमरमर मालगाड़ी से पुपरी आता था । वहां से बैलगाड़ी से संगमरमर जनकपुरधाम पहुंचती थीं। इसलिए अभी भी पुपरी रेलवे को जनकपुर रोड कहा जाता है। रेलवे स्टेशन पर जनकपुर रोड लिखा है। इस बोर्डर खुलवाने के लिए भारतीय दूतावास, एस.एस.वी.के डायरेक्टर जेनरल , तथा गृह मंत्रालय से मिला जाएगा। डा.नवल किशोर सिंह ने कहा कि नेपाली नागरिकों को घरेलू सामानो को फिर रोक लगा रही है।जवकि एस.एस.बी.के डायरेक्टर जेनरल ने घरेलू सामान लाने के लिए पत्र निर्गत किया है।इस समस्या के लिए मैं स्वयं मिलकर आदेश जारी करवाया था। इधर मटिहानी नगरपालिका के मेयर हरि प्रसाद मंडल ने मधवापुर मटिहानी बोर्डर पर चार पहिया वाहन को एस.एस.बी.द्वारा रोक लगाए जाने पर कड़ी आपत्ति जताई है।

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