नेपाल सम्वत् शुभारम्भ में वृहत् रैली की साथ शुभकामना आदान– प्रदान
नेपालगन्ज/(बाँके) पवन जायसवाल । नेपालगन्ज में नेपाल सम्वत् ११४४ की शुभारम्भ के दिन में विगत वर्ष जैसे इस वर्ष वृहत् रैली की आयोजन किया गया था ।
स्थानीय गणेशमान चौक में जमघट होकर नेवार और गैरनेवार समुदाय लगायत नेवारी भेषभूषा में सजी रही महिला तथा पुरुष करके करीब २ सौ मोटरसाइकल नेपालगन्ज नगर के विभिन्न भाग की परिक्रमा करके नेपालगन्ज उप–महानगरपालिका वार्ड नं.–१० भृकुटीनगर में शुभकामना आदान– प्रदान कार्यक्रम में सहभागी हुये थे, वह रैली में बाँके जिला के प्रमुख जिला अधिकारी श्रवण कुमार पोखरेल और बाँके जिला प्रहरी कार्यालय के प्रहरी प्रमुख प्रहरी उपरिक्षक सुभाष चन्द्र बोहरा स–परिवार सहभागी हुये थे ।
नेपाल सम्बत् कात्तिक महीना के शुक्ल प्रतिपदा के दिन से शुरु होता है । नेपालियों की दूसरी बडी साँस्कृतिक पर्व दिपावली त्योहार के तीसरे दिन नेवार समुदाय ने म्हँ पूजा (आत्म पूजा) करने परम्परा रही है ।
कार्यक्रम के शुभारम्भ और शुभकामना आदान– प्रदान कार्यक्रम में बोलते हुये प्रमुख अतिथि बाँके के प्रमुख जिला अधिकारी श्रवण कुमार पोखरेल ने नेपाल सम्वत राष्ट्रीय सम्वत् होने के नाते नेपाल सरकार ने सरकारी कामकाज में प्रयोग लाने के ेलिये निर्णय किया है बताया ।
वह कार्यक्रम में उन्हों ने राष्ट्रीय विभूति शंखधर साख्वाःको सभी जातजाति, वर्ग और समुदाय ने सम्मान करना चाहिये बताते हुये तत्कालीन समय में गरीब नेपाली जनता की ऋण तीरकर देश को ऋण मुक्त किया शंखधर साख्वाः के सम्मान के लिये नेपाल सम्वत् को औपचारिक रुप में प्रचलन में लाने के लिये सरकार ने निर्णय किया है बताया ।
वह अवसर पर प्रतिनिधि सभा सदस्य लक्ष्मी तिवारी, प्रदेश सभा सदस्य तथा राप्रपा की नेता मीना श्रेष्ठ, नेपाल कम्युनिष्ट पार्टी (नेकपा), बाँके अध्यक्ष किस्मत कुमार कक्षपति, बाँके जिला के प्रहरी प्रमुख प्रहरी उपरिक्षक सुभाष चन्द्र बोहरा, नेवा देय दवू के प्रदेश सल्लाहकार, नेवा देय दवू के, बाँके के निवर्तमान अध्यक्ष कृष्ण प्रसाद श्रेष्ठ, बाँके जिला के नेवार गुठियों के ओर से घरवारी टोल नेवाः गुठी के अध्यक्ष नेपालगन्ज उप–महानगरपालिका वार्ड नं. २ के वडाध्यक्ष मनोज कुमार श्रेष्ठ, नेवाः पुचः बाँके के संस्थापक अध्यक्ष बद्री प्रसाद श्रेष्ठ, संस्थापक सचिव राजेन्द्र श्रेष्ठ, भृकुटी नगर टोल सुधार समिति के अध्यक्ष सरला विष्ट लगायत लोगों ने राष्ट्रीय विभूति शंखधर साख्वा की चर्चा करते हुये नेपाल की मौलिक सम्वत् नेपाल सम्वत् की ऐतिहासिक तथ्य पर प्रकाश डाले था । उन्हों ने रञ्जना लिपि और नेपाल सम्वत् पेश करने के बाद मात्र संयुक्त राष्ट्र संघ में नेपाल ने सदस्यता पाया था उल्लेख करते हुये नेपाल सरकार ने यह सम्वत् को सरकारी कामकाज में प्रयोग लाने की निर्णय को कार्यान्वयन इमान्दारीपूर्वक होना चाहिये बातों पर जोड दिये थे ।
नेवाः पुचःः बाँके के संरक्षक परिषद् के पार्षद् पूर्णलाल चुके ने नेपाल सम्वत् और राष्टी«य विभूति शंखधर साख्वाःके बारे में प्रकाश डालते हुये वि.सं.९३० में भक्तपुर कें राजा आनन्द देव तथा ललितपुर और काठमाण्डौं में राजा राघवदेव ने राज्य करते समय काठमाडौ ंके शंखधर साख्वाः ने तत्कालीन समय में सभी नेपालियों ने राज्य को तीर्ने वाला ऋण चुक्ता करके राज्य को ऋण मुक्त घोषणा किये थे आज म्हँ पूजा के दिन विक्रम् सम्वत् ९३६ से नेपाल सम्वत् प्रचलन में लाने के लिये अनुमति दिया गया बताया था । करीब ९ सौ वर्ष तक नेपाल सम्वत् सरकारी औपचारिक सम्वत् के रुप में प्रचलन में लाया गया था । इस लिये नेपाल सम्वत् नेपालियों की मौलिक सम्वत् रही है बातों में किसी को शंका करने की जगाह नही है बताया ।
नेपाल सम्वत् के प्रवर्तक शाख्वाःको बि.सं.२०५६ साल मंसीर २ गते तत्कालीन सरकार ने राष्ट्रीय विभूति घोषणा किया और उन की चित्र छापा गया हुलाक टिकट भी प्रकाशित किया गया वरिष्ठ पत्रकार पूर्णलाल चुके ने बताया ।
नेवाः पुचः बाँके के अध्यक्ष जीतेन्द्र कुमार जोशी के अध्यक्षता तथा नेवाः देय दवू नगर कमिटि के अध्यक्ष दीपेन्द्र कुमार जोशी नो सहजीकरण किया था वह कार्यक्रम के मुख्य आयोजक नेवाः पुचः बाँके, सह–आयोजक नेवाः देय दवू और जिला के करीब १० नेवार गुठियों की संयुक्त रुप में आयोजन किया गया था ।


