पुरातत्व विभाग और लुम्बिनी विकास कोष के प्रति मेयर यादव की आपत्ति
देशबन्धु यादव/नवलपरासी । इस जिले के रामग्राम नगरपालिका वार्ड नंबर ७ में अवस्थित भगवान गौतमबुद्ध का अष्टधातु रामग्राम स्तूप का २६ वर्ष बाद दुसरे चरण का उत्खनन शुभारम्भ हुआ है। जिसमें प्राचिन बुद्ध कालिन संरचना मिला पोखरी , विहार और भौतिक पूर्वाधार भी सामिल है।
लुम्बिनी विकास कोष ने रामग्राम नगरपालिका के सहयोग में पत्रकार सम्मेलन के दौरान उत्खनन में प्राप्त संरचना/प्रमाण के सम्बन्ध में जानकारी सार्वजनिक किया।
आधुनिक तकनीकी (जियोफिजिक्स/भू-भौतिक) के माध्यम से १ नवम्बर सुरु किए गए उत्खनन में पोखरी , विहार , ईंटा और भौतिक संरचना होने की जानकारी संयुक्त राष्ट्र संघ का शैक्षिक वैज्ञानिक एवं सांस्कृतिक संस्था (यूनेस्को) के सल्लाहकार तथा दुरहम युनिवर्सिटी के प्रोफेसर रविन कनिङ्गम ने बताया।
पुरातत्व विभाग के प्रवक्ता रामबहादुर कुँवर ने बताया की उत्खनन में प्राप्त वस्तु एवं संरचना के अध्ययन/अनुसन्धान से काल की गणना एवं अवस्था निर्धारण किया जाएगा। प्रवक्ता कुवंर ने बताया की उत्खनन/अनुसन्धान के लिए स्तूप से एक हजार मिटर वृत्त के क्षेत्र को आरक्षित करना उचित होगा।
रामग्राम नगरपालिका के मेयर धनपत यादव ने कहा की विगत २६ वर्ष से लुम्बिनी विकास कोष और पुरातत्व विभाग ने रामग्राम स्तूप और पण्डितपुर को असमंजस में रखा है।
रामग्राम नगरपालिका एवं स्तूप क्षेत्र के चहुमुखी विकास के लिए ‘वृहत्तर विकास योजना’ आवश्यक होने की मेयर यादव ने बताया।
मेयर धनपत यादव ने बुध्द जयन्ती २०८० में प्रधानमन्त्री पुष्पकमल दाहाल को और तात्कालिन मेयर नरेन्द्र कुमार गुप्ता के कार्यकाल में राष्ट्रिय सभा अध्यक्ष गणेश तिमिल्सिना के साथ ही विशिष्ट महानुभावों ने रामग्राम स्तूप का अवलोकन किया है।
पत्रकार सम्मेलन एवं उत्खनन के सार्वजनिकीकरण समारोह में प्रमुख जिल्ला अधिकारी विश्वप्रकाश अर्याल , उपमेयर समझना चौधरी, सुरक्षा अधिकारी और उद्योग वाणिज्य संघ नवलपरासी के अध्यक्ष ओमप्रकाश अग्रहरी एवं उपाध्यक्ष द्वय राजेश कुमार गुप्त , गिरीराज पाण्डे , विभिन्न राजनैतिक दल के प्रमुख/प्रतिनिधि के साथ ही विशिष्ट महानुभावों का गरिमामय उपस्थिति रहा