महाशिवरात्रि…पशुपति मंदिर में जय शम्भो की गूँज
काठमांडू, फागुन २५–जय शम्भों के नाम से गूंज रही है पशुपति । आज सुबह दो बजे से ही पशुपति के दरवाजों को खोल दिया गया है । लाखों लोगों की भीड़ का एक ही स्वर जय शम्भू । पशुपति क्षेत्र विकास कोष का कहना है कि इस बार की शिवरात्रि में लगभग २० लाख से ज्यादा भक्तजन आए हुए हैं । शिवरात्रि प्रत्येक वर्ष फागुन कृष्ण चतुर्दशी को मनाया जाता है । इस पर्व में आराध्यदेव भगवान शिव की पूजा–आराधना की जाती है ।
हर बार की तरह इस साल भी भारी संख्या में भक्तजन काठमांडू के पशुपति क्षेत्र में आए हुए हैं । भक्तों को किसी तरह की कोई असुविधा नहीं हो यह सोचकर बहुत सी तैयारियां की गई हैं । सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए पशुपति क्ष्ोत्र में सुरक्षाकर्मी को तैनात किया गया है । इसके साथ ही काफी संख्या में स्वयंसेवी, स्काउट के स्वयंसेवी को तैनात किया गया है ।
इसबार की महाशिवरात्रि के अवसर पर भीआईपी के लिए अलग से पास नहीं दिया गया है । पहले भीआई पी के लिए अलग से पास दिया जाता था और इसके लिए पशुपतिनाथ मन्दिर दर्शन से व्यवस्था मिलाई जाती थी । उनके लिए तीलगंगा के मार्ग का प्रयोग किया जाता था ।
लेकिन इसबार भीआईपी पास बन्द कर तीलगंगा सड़क को भी भक्तपुर, ललितपुर और पूर्व की ओर से आने वाले भक्तों के लिए प्रयोग कराने की बात कही गई है । ये जानकारी पशुपति क्षेत्र विकास कोष के सदस्य सचिव राजुकुमार क्षेत्री ने जानकारी दी है । महाशिवरात्रि के इस पावन अवसर पर पूरे पशुपति को दुल्हन की तरह सजाया गया है । ये केवल नेपाल के पशुपति क्षेत्र की बात नहीं है जहाँ श्रद्धालुओं की इतनी भीड़ है वरन नेपाल, भारत के अलावे विश्व के बहुत से भाग में,जहाँ भगवान शिव की मंदिर या भगवान शिव की प्रतिमा है वहाँ आज शिवरात्रि के अवसर पर श्रद्धालुओंं की भीड़ रहती ही है ।
महाशिवरात्रि (बोलचाल में शिवरात्रि) हिन्दुओं का एक प्रमुख त्यौहार है । यह भगवान शिव का प्रमुख पर्व है ।
फाल्गुन कृष्ण चतुर्दशी को शिवरात्रि पर्व मनाया जाता है । माना जाता है कि सृष्टि का प्रारंभ इसी दिन से हुआ । पौराणिक कथाओं के अनुसार इस दिन सृष्टि का आरम्भ अग्निलिंग ( जो महादेव का विशालकाय स्वरूप है ) के उदय से हुआ । अधिक तर लोग यह मान्यता रखते है कि इसी दिन भगवान शिव का विवाह देवि पार्वति के साथ हुआ था । कहते हैं आज के दिन जानकर या अनजान में भी जो महादेव की पूजा अर्चना करते है शिव उनके सभी मनोरथ को पूर्ण करते हैं ।