भारत द्वारा चीन हंता मिसाइल का सफल परीक्षण
मुम्बई, 11 मार्च, 024 । आज भारत ने 5000 से 8000 किमी.तक मार करने वाली अग्नि-5 मिसाइल (चीन किलर मिसाइल) का सफल परीक्षण किया।इसकी मारक क्षमता के अंतर्गत चीन और आधा यूरोप आते हैं और यह एक साथ कई लक्ष्य पर निशाना लगा सकती है।माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने MIRV तकनीक के साथ अग्नि-5 मिसाइल के पहले सफल परीक्षण पर रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन यानी DRDO के वैज्ञानिकों को बधाई दी है। उन्होंने अपनी सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा- मिशन दिव्यास्त्र के लिए हमें अपने वैज्ञानिकों पर गर्व है।
ध्यातव्य है कि अग्नि-5 मल्टिपल इंडिपेंडेंटली टार्गेटेबल री-एंट्री व्हीकल (MIRV) टेक्नोलॉजी से लैस है। यानी इसे एक साथ कई टारगेट्स के लिए लॉन्च किया जा सकता है। इसे चाइना किलर अर्थात चीन हंता मिसाइल भी कहा जाता है । अग्नि-5 का पहला परीक्षण अप्रैल 2012 में किया ।आज भारत ने अपने पहले अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल यानी दूसरे महाद्वीप तक निशाना लगाने में सक्षम अग्नि-5 के बहु- आयुध संस्करण का सफल परीक्षण किया। कहने का आशय यह है कि आज जिस अग्नि-5 मिसाइल का सफल परीक्षण किया गया है वह एक साथ दर्जन भर लक्ष्यों को भेद सकती है और यह 29 हजार 401 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से अपने लक्ष्य की ओर बढ़ती है। फलस्वरूप इसे विश्व की कोई भी मिसाइल रोधी प्रणाली नहीं रोक सकती है।
अग्नि-5 भारत की पहली और एकमात्र अंतरमहाद्वीपीय मिसाइल है, जिसे रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) ने स्वदेशी तकनीक से विकसित किया है। ये भारत के पास मौजूद लंबी दूरी की मिसाइलों में से एक है और इसकी मारक क्षमता 5000 से 8000 किलोमीटर के मध्य है। यह संपूर्ण आयुध के साथ 5000 किमी.तक और आयुध कम करने के उपरांत 8000 किमी.तक मार कर सकती है।आज अग्नि- 5 बैलिस्टिक मिसाइल के उस उन्नत संस्करण का परीक्षण हुआ जो एक साथ कई हथियार ले जाने में सक्षम है अर्थात यह मल्टिपल इंडिपेंडेंटली टार्गेटेबल रीएंट्री व्हीकल (MIRV) से लैस है। यह अपने साथ डेढ़ टन तक परमाणु हथियार ले जा सकती है। इसकी स्पीड मैक 24 है, अर्थात ध्वनि की गति से 24 गुना अधिक है। इसके लॉन्चिंग सिस्टम में कैनिस्टर तकनीक का इस्तेमाल किया गया है। इस वजह से इस मिसाइल को कहीं भी आसानी से ले जाया जा सकता है। इसका प्रयोग भी बेहद आसान है, इस वजह से देश में कहीं भी इसकी तैनाती की जा सकती है।यह भारत का सबसे समर्थ हथियार है।इस मिसाइल से चीन खौफ खाता है।जय हिंद जय हिंदी जय हिंद की सेना।
डाॅ.करुणाशंकर उपाध्याय
वरिष्ठ प्रोफेसर, मुंबई विश्वविद्यालय