केंद्र की सत्ता में भाजपा की वापसी बड़ी उपलब्धि, लेकिन जीत का स्वाद कसैला
काठमान्डू 5 जून
भारत की जनता ने भाजपा को 240 सीटों सहित राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) की झोली में 292 सीटें डालकर जनादेश दिया है । इस बार बहुमत की नहीं बल्कि राजग की सरकार बनेगी । 18वीं लोकसभा के लिए 543 सीटों पर सात चरणों में हुए चुनाव के परिणामों को लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष के दावों का पटाक्षेप मंगलवार को मतगणना के साथ हो गया।
निस्संदेह लगातार तीसरी बार केंद्र की सत्ता में वापसी भाजपा के लिए बड़ी उपलब्धि है, लेकिन 2014 और 2019 के लोकसभा चुनाव की बम्पर जीत के परिणामों ने उसकी उम्मीदों को ऐसा आसमान दे दिया था कि इस जीत का स्वाद भी भाजपा के नेताओं-कार्यकर्ताओं के लिए कसैला हो गया। इन परिणामों का यह संकेत साफ है कि विपक्ष के नेता मन मुताबिक मुद्दों के सहारे नैरेटिव गढ़ने में काफी हद तक सफल रहे।
जातिगत जनगणना भले ही मुद्दा बनती न दिखी हो, लेकिन विपक्ष की जातीय बिसात ने भाजपा की राह में किस तरह रोड़े अटकाए हैं, यह खास तौर पर उत्तर प्रदेश में दिखाई दिया। 80 लोकसभा सीटों वाले इस सबसे बड़े राज्य में सपा और कांग्रेस मिलकर चुनाव लड़ीं।
यहां अखिलेश की रणनीति खास तौर पर कारगर साबित हुई और सपा 37 सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभर रही है और भाजपा 62 से घटकर 33 सीटों पर सिमट गई। इन परिणामों ने यह भी स्पष्ट किया है कि कांग्रेस के साथ सीधे मुकाबले में भाजपा इस बार भी बेहद मजबूत साबित हुई।
मध्य प्रदेश में दशकों बाद छिंदवाड़ा सीट कांग्रेस से छीनकर क्लीन स्वीप करते हुए भाजपा ने 29 सीटों पर जीत दर्ज की है। गुजरात और छत्तीसगढ़ में कांग्रेस सिर्फ एक-एक सीट जीत सकी तो दिल्ली में कांग्रेस और आम आदमी पार्टी में से कोई भाजपा को क्लीन स्वीप से नहीं रोक सका।
हालांकि, ओडिशा में बीजू जनता दल के निराशाजनक प्रदर्शन को छोड़ दें तो अलग-अलग राज्यों में क्षेत्रीय क्षत्रपों ने जरूर राजग के लिए चुनौती खड़ी की है। मसलन, उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी, तमिलनाडु में डीएमके, पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस ने भाजपा की उम्मीदों को झटका दिया है।
भाजपा उत्तर प्रदेश के गढ़ में जरूर मात खा गई लेकिन ओडिशा में भारी जीत हासिल की। लोकसभा सीटों पर भी और विधानसभा में भी। इसी तरह केरल में भाजपा खाता खोलने में कामयाब रही तो तेलंगाना में अपना 4 के पिछले आंकड़े को दोगुना कर दिया। तमिलनाडू में भी भी भाजपा का वोट प्रतिशत बढ़ा।
भाजपा अपने राजग सहयोगियों के साथ बहुमत का आंकड़ा पार गई है, इसलिए लगभग तय है कि प्रधानमंत्री के रूप में जल्द ही नरेन्द्र मोदी तीसरी बार शपथ ग्रहण करेंगे। इसके साथ ही वह देश के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू के लगातार तीन बार पीएम बनने के रिकार्ड की बराबरी कर लेंगे।