सीमा क्षेत्र में लगातार मूसलाधार बारिश
जोगबनी अररिया (सीमा क्षेत्र) । जोगबनी रेलवे स्टेशन पर 4 करोड़ 73 लाख रूपये की लागत से निर्माणाधीन वाशिंग पिट निर्माण कार्य स्थल पर पानी भर जाने के कारण निर्माण कार्य को रोक दिया गया है।करीबन 715 मीटर लंबे वाशिंग पिट के दोनों प्लेटफार्म के बीच कई फीट पानी भर जाने के कारण निर्धारित कार्यावधि में काम के पूरा होने पर ग्रहण लग गया है।निर्माण कार्य करा रही एजेंसी के अनुसार,स्थिति सामान्य होने में पंद्रह दिनों से लेकर एक महीने तक का समय लग सकता है।जबकि बीते 30 अगस्त को नॉर्थ फ्रंटियर रेलवे के महाप्रबंधक चेतन श्रीवास्तव ने अपने दौरे में निर्माण कार्य का जायजा लेने के साथ निर्माण कार्य कर रही एजेंसी और विभाग के अधिकारियों को काम में तेजी लाने के साथ गुणवत्तापूर्ण तेजी करने का निर्देश दिया था।महाप्रबंधक ने जल्द वाशिंग पिट का निर्माण कार्य कर रेलवे को सुपुर्द कर देने का निर्देश देते हुए कहा था कि जितनी जल्दी वाशिंग पिट का निर्माण कार्य पूरा होने के बाद सुपुर्द किया जाएगा,उतनी जल्दी जोगबनी से लंबी दूरी की और ट्रेनों के परिचालन का मार्ग प्रशस्त हो पाएगा।रेल महाप्रबंधक के दौरे के बाद पिछले दिनों सांसद प्रदीप कुमार सिंह ने भी जोगबनी रेलवे स्टेशन पर चल रहे वाशिंग पिट निर्माण कार्य का जायजा लिया था और निर्माण कार्य एजेंसी के साथ साथ स्टेशन अधीक्षक और विभागीय अधिकारियों को गुणवत्तापूर्ण कार्य करने और तय समय सीमा के भीतर काम पूरा करने का निर्देश दिया था। सांसद ने वाशिंग पिट निर्माण कार्य में जंग लगे सरिया के साथ लोकल बालू के इस्तेमाल पर निरान कार्य करने वाली एजेंसी और ठेकेदार की जमकर क्लास लगाई थी और इस मसले पर रेलवे के वरीय अधिकारियों से बात भी की गई थी। सांसद के कड़ी फटकार के बाद भी जंग लगे सरिया और लोकल बालू को नहीं हटाया गया था।लेकिन दो दिनों से लगातार हुई मूसलाधार बारिश के कारण जमा लोकल बालू का बहाव पानी के साथ हो गया है।
इधर वाशिंग पिट निर्माण कार्य स्थल पर पानी का जमाव हो जाने को लेकर तत्काल काम को रोक दिया गया है।स्ट्रक्चर निर्माण के साथ अन्य कार्य के लिए जल की निकासी एजेंसी के लिए सबसे बड़ी चुनौती है।इस बाबत कटिहार मंडल रेल कार्यालय के एडीआरएम मनोज कुमार सिंह से इस संदर्भ में जब बात की गई तो उन्होंने बताया कि इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट को पानी निकासी की व्यवस्था कर काम में तेजी लाने का निर्देश दिया गया है।उन्होंने अधिक संख्या में मजदूर लगाकर निर्धारित कार्य अवधि में काम पूरा करवाने के लिए सकारात्मक प्रयास करने की बात कही।हालांकि उन्होंने प्रकृति के सामने हरेक के विवश होने की भी बात कही।