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माइती नेपाल ने नेपालगञ्ज नाका से वर्ष 2024 में 598 लोगों का उद्धार किया

नेपालगन्ज/(बाँके) पवन जायसवाल ।  बाँके जिला के नेपालगन्ज में रहे माइती नेपालद्वारा हाम्रो आवाजः चेलीबेटी बेचबिखन मुक्त समाजमानव बेचबिखन तथा ओसारपसार विरुद्ध संचारकर्मियों से पौष १६ गते मंगलवार को पत्रकारों से अन्तरक्रिया किया ।

माइती नेपाल के संयोजक केशवराज कोइराला ने सन् २०२४ एक वर्ष की अवधि में नेपालगञ्ज नाका से होकर जोखिमपूर्ण यात्रा करनेवालों की संख्या ५ सौ ५९८ रही थी वो लोगों को सीमा नाका से उद्धार किया गया बताया ।

नेपाल पत्रकार संघ, बाँके के सचिव कृष्ण ओलीद्वारा सञ्चालित नेपाल पत्रकार संघ, बाँके के सभापति नबीन गिरी के अध्यक्षतमा में सम्पन्न हुआ । वह कार्यक्रम माइती नेपाल, नेपाल पत्रकार संघ, बाँके के संयुक्त आयोजन में किया गया पत्रकार अन्र्तक्रिया कार्यक्रम में सन् २०२४ की एक वर्ष के अवधि में नेपालगञ्ज नाका से होते हुये जोखिमपूर्ण यात्रा करने वालों की संख्या वृद्धि हुई है । 

माइती नेपाल के संयोजक केशव कोइराला के अनुसार जोखिमपूर्ण यात्रा करने वाले जिला में सब से अधिक बाँके ९७ लोग । जिस में बैजनाथ गावँपालिका के २४कोहलपुर नगरपालिका के ३३, खजुरागावँपालिका के ११, राप्ती सोनारी गाँवपालिका १५नेपालगन्ज उपमहानगरपालिका ९, डुडुवा गाँवपालिका २ और. जानकी गाँवपालिका से २ रहे थे । सुर्खेत जिला से ७८ बर्दिया जिला से ६१, सल्यान जिला से २७, दैलेख जिला से ४५, जाजरकोट जिला से ५७, रोल्पा जिला से १६, कैलाली जिला से १८, जुम्ला जिला से १२, नवलपरासी से १, धादिङ्ग से ४, अछाम से ९, डोल्पा से १, प्यूठान से ६, मुगु से २, कञ्चनपुर ३, धनकुटा से, बझाङ्ग से २, दार्चुला से १, बाजुरा से ५, गुल्मी से १, पाँचथर से १ रहे थे । जिस में ब्रहमण÷क्षेत्री २ सौ ३७, जनजाति १ सौ २६, दलित २ सौ २४, आदिवासी ११ लोग रहे थे , १८ वर्ष से कम उमर के बालिका २ सौ १६ रही थी , १८ वर्ष से कम उमर के बालक २२ लोग , इसी तरह १८ वर्ष से उपर के ३ सौ ६० जोखिम यात्रा में रहे थे माइती नेपाल नेपालगञ्ज ने जानकारी है ।

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सन् २०२१ में ४ सौ ३४, सन् २०२२ में ५ सौ २९ और सन् २०२३ में ५ सौ ९ सन् २०२४ में ५ सौ ९८ लोगों को सीमा से उद्धार किया गया था । केशव कोइराला के अनुसार सन् २०२१ मा ४ सौ ३२, सन् २०२२ में ५ सौ ३४, सन् २०२३ में ५ सौ २०, सन् २०२४ में ६ सौ १३ लोगों को पारिवारिक पुनर्मिलन कराया गया था । सन् २०२१ में ४ सौ ३२ लोगों को पारिवारिक पुनर्मिलन कराया गया था । सन् २०२२ में सीमा नाका से परामर्श देकर घर वापस भजा गया संख्या ५ सौ २७ लोग सन् २०२३ में ४ सौ ७९सन् २०२४ में ४ सौ ३८ लोग रहे थे माइती नेपाल नेपालगन्ज ने जानकारी दी । इसी तरह सन् २०२४ में खोजतलास के लिये निवेदन देने वालों की संख्या ७ सौ ७७ रही थी जिस में ४ सौ ७ लोग मिले थे । उसी अवधि में बेचविखन की मुद्दा ३ दर्ता हुआ था ।                       

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गायब हुये बालबालिका एवं महिलाएँ की खोजतलास तथा उद्धार के लिये आया निवेदन ७ सौ ७७ जिस मध्ये ४ सौ ७ लोग मिले थे । सन् २००२ से सन् २०२४ तक जोखिमपूर्ण यात्रा कर रहें लोगों को सीमा से ९ हजार ६ सौ ७५ लोगों की उद्धार किया गया था, मानव बेचबिखन तथा ओसारपसार के बारे में जानकारी देकर ९ हजार ७ सौ ९३ लोगों को पारिवारिक मिलन कराया गया था, श्रम और यौन शोषण में पडे ३ सौ ९० लोगों की उद्धार किया गया था, सीमा से परामर्श देकर ५ हजार ६ सौ ६७ लोगों को घर वापस कराया गया, खोजतालाश के लिये निवेदन दर्ता ९ हजार ११, जिस में २ हजार ३ सौ २३ लोग मात्र मिले, घरेलु हिंसा में निवेदन दर्ता ४ सौ ७०, समाधान ३ सौ ६८, सीपमूलक तालिम प्रदान किया गया किशोरी की संख्या १ सौ ९५ लोग, बेचबिखन की घटना मुद्दा दर्ता संख्या ९८, जर्बजस्ती करणी (बलात्कार) घटना ४९ रही थी अभी तक आवाधिक गृह में २ संख्या रही है अन्र्तक्रिया कार्यक्रम में जानकारी दी गई ।

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वह कार्यक्रम में माइती नेपाल नेपालगञ्ज के संयोजक केशव कोईराला ने अपनी बिचारों में कहा पिछले समय में सामाजिक सञ्जाल फेसबुक, टिकटक, इन्ष्ट्राग्राम जैसी माध्यम की दुरुपयोग करके  दलालों ने मानव बेचबिखन में सक्रिय रहे हैं बताया । माइती नेपाल ने मानव बेचबिखन नियन्त्रण करने के लिये सीमा नाका में चेकजाँच करने की साथ साथ भारत लगायत के मुलुक में बेचें गये और बेचबिखन की जोखिम में पडे महिला तथा बालबालिकाओं को उद्धार के लिये काम करते आ रही है माइती नेपाल नेपालगञ्ज के संयोजक केशव कोइराला ने बताया । उन्हों ने तीन ही तह की सरकार से समन्वय करके मानव बेचबिखन नियन्त्रण सम्बन्धी काम कर रही है बताया । 

वह अन्तरक्रिया कार्यक्रम में नेपाल पत्रकार महासंघ बाँके की समन्वय में किया गया अन्तरक्रिया में नेपाल पत्रकार महासंघ बाँके शाखा के अध्यक्ष नविन गिरी ने मानव बेचबिखन विरुद्ध नेपाल पत्रकार महासंघ बाँके शाखा तथा सञ्चारकर्मियों ने आवाज बुलन्द करने के लिये बताया । मानब बेचबिखन विरुद्ध प्रत्येक नागरिक सजग होना जरुरी है । वह कार्यक्रम में नेपाल पत्रकार महासंघ बाँके पूर्व सभापति तथा वरिष्ठ पत्रकार नीरज गौतम, नेपाल प्रेस यूनियन बाँके पूर्व अध्यक्ष अर्जुन ओली, प्रेस चौतारी के अध्यक्ष दुर्गा रोकाय, विजय मल्ल लगायत लोगों अपनी अपनी जिज्ञासा रक्खा ।

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