राप्ती नदी से तराई-मधेस के नागरिकों की पेयजल समस्या का समाधान : मंत्री यादव

पेयजल मंत्री प्रदीप यादव ने कहा है कि वे सुनकोशी और हेटौड़ा में राप्ती नदी से पानी लाकर तराई-मधेस के नागरिकों की पेयजल समस्या को दीर्घकालिक रूप से दूर करने की योजना पर काम कर रहे हैं।
रविवार को निजगढ़, बारा स्थित पेयजल एवं स्वच्छता उपभोक्ता संघ की नौवीं वार्षिक आम बैठक में बोलते हुए मंत्री यादव ने कहा कि जलवायु परिवर्तन, भूकंप और चुरे के दोहन के कारण तराई-मधेस में जल स्रोत नष्ट हो रहे हैं। जिससे गंभीर जल समस्या उत्पन्न हो गइ है।
उन्होंने कहा, “पेयजल क्षेत्र में कई चुनौतियां हैं।” “हम सुनकोशी और हेटौडा में राप्ती नदी से पानी लाकर और उसका परिशाेधन करके यहां दीर्घकालिक रूप से पेयजल समस्या का समाधान करने की योजना पर आगे बढ़ रहे हैं।”
मंत्री यादव ने कहा कि सुनकोशी डायवर्सन से तराई-मधेस के छह जिलों (विशेषकर सप्तरी से परसा तक) तक स्वच्छ पेयजल पहुंचाने के लिए करीब 46 अरब रुपये का बजट है और यदि अन्य डिजाइन के लिए निविदाएं जारी की जाती हैं तो यह परियोजना सफल होगी। विशेषज्ञों को दी गई उनकी सलाह के अनुसार, इसकी लागत लगभग 50 अरब रुपये होने का अनुमान है।
मंत्री यादव ने बताया कि निजगढ़ में पेयजल की बहुत बड़ी चुनौती है और वे तथा उनका पूरा मंत्रालय पेयजल समस्या के समाधान के लिए पहल कर रहा है। उन्होंने कहा, “निजगढ़ सहित पूरे बारा जिले में पेयजल आपूर्ति की बड़ी चुनौती है। मैंने इन जिलों में पेयजल परियोजनाओं के लिए बजट आवंटित किया है, जिनकी डीपीआर पूरी हो चुकी है।” उन्होंने कहा, “मैं उन अन्य परियोजनाओं के लिए भी बजट आवंटित करूंगा जिनकी डीपीआर अभी पूरी नहीं हुई है।”
मंत्री यादव ने कहा कि पेयजल पर राजनीति करना महापाप है।