सरस्वती पूजा महज औपचारिकता नहीं,हमें यह नई खोजों के लिए प्रेरित करती है: राष्ट्रपति पौडेल

राष्ट्रपति रामचंद्र पौडेल ने कहा कि बसंत श्रवण और सरस्वती पूजा महज औपचारिकता नहीं है, बल्कि यह त्योहार हमारे जीवन को हमेशा ऊर्जावान बनाए रखते हैं और हमें नई खोजों के लिए प्रेरित करते हैं।
बसंत पंचमी और सरस्वती पूजा के अवसर पर शुभकामनाएं भेजते हुए उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि यह पर्व शिक्षा और ज्ञान की पूर्ति से जुड़ने की प्रेरणा प्रदान करेगा। उन्होंने बसंत पंचमी और सरस्वती पूजा के अवसर पर सभी नेपालियों को शुभकामनाएं दी हैं। यह पर्व ज्ञान की देवी सरस्वती की पूजा करके मनाया जाता है।
देवी सरस्वती को शिक्षा, ज्ञान और संगीत की देवी के रूप में पूजा जाता है। उन्होंने बताया कि इस शुभ दिन पर लोग यह विश्वास करते हैं कि जब वे अपने बच्चों को स्कूल में दाखिला दिलाएंगे और उनकी शिक्षा शुरू करेंगे तो विद्या की देवी सरस्वती सदैव उन पर कृपा दृष्टि रखेंगी। संगीत प्रेमियों के लिए बसंत पंचमी सरस्वती की साधना का मुख्य दिन भी माना जाता है।
इस दिन को विवाह, व्रत-उपवास आदि शुभ अवसरों के लिए चुनने की भी परंपरा रही है, जहां लोग नई परियोजनाएं शुरू करना चाहते हैं और प्रेम का बंधन स्थापित करना चाहते हैं।
इस दिन को सरस्वती जन्मोत्सव के रूप में भी मनाया जाता है। जैसे ही वसंत ऋतु शुरू होती है और सूरज डूबता है, दिन लंबे और रातें छोटी होने लगती हैं, धीरे-धीरे सर्दी बढ़ने लगती है, जो नेपाली जीवन और प्रकृति की निकटता को दर्शाता है।
राष्ट्रपति पौडेल ने शुभकामनाएं व्यक्त करते हुए कहा कि यह महोत्सव देश की सामाजिक एवं सांस्कृतिक विविधता के बीच एकता कायम रखते हुए मूल धार्मिक संस्कृति को संरक्षित एवं संवर्धित करेगा तथा ज्ञान की देवी सरस्वती का आशीर्वाद सभी पर बना रहे।