आवासीय डॉक्टरों द्वारा तीन घंटे तक ओपीडी सेवाओं का बहिष्कार

प्रदर्शन कर रहे आवासीय डॉक्टरों ने सरकारी स्तर के वेतन की मांग को लेकर तीन घंटे तक ओपीडी सेवाओं का बहिष्कार किया।
‘स्वास्थ्यकर्मी के लिए सुरक्षित कार्यस्थल संघर्ष समिति’ के नाम से विरोध प्रदर्शन कर रहे आवासीय डॉक्टरों ने घोषणा की है कि वे सुबह 9 बजे से दोपहर 12 बजे तक मेडिकल कॉलेजों और संस्थानों को छोड़कर देश भर के स्वास्थ्य संस्थानों में बैनर/तख्ती लेकर प्रदर्शन करेंगे और ओपीडी सेवाओं का बहिष्कार करेंगे। आज। उन्होंने यह भी कहा है कि वे मैतीघर मंडला में अपना विरोध प्रदर्शन जारी रखेंगे।
इससे पहले आवासीय डॉक्टरों ने अपने-अपने संस्थानों में ‘पेन डाउन’ और एप्रन पहनकर विरोध प्रदर्शन किया था।
संघर्ष समिति मांग कर रही है कि एमडी, एमएस, एमडीएस, डीएम और एमसीएच की पढ़ाई कर रहे इंटर्न और डॉक्टरों के लिए न्यूनतम वेतन सरकार के समान स्तर पर बनाए रखा जाए। उन्होंने यह भी मांग की है कि सभी पीजी कार्यक्रमों को पूरी तरह से शुल्क-मुक्त और बांड-मुक्त बनाया जाए। आवासीय डॉक्टर्स चरणबद्ध हड़ताल पर हैं, उनका कहना है कि स्वास्थ्य मंत्रालय और शिक्षा मंत्रालय द्वारा पहले साल 25,000 रुपये, दूसरे साल 30,000 रुपये गुजारा भत्ता देने का कानूनी प्रावधान करने के फैसले के बाद पारिश्रमिक में कटौती की गई है तथा निजी मेडिकल कॉलेजों में अध्ययनरत रेजिडेंट डॉक्टरों को तीसरे वर्ष के लिए 35,000 रुपये दिए जाएंगे।
संघर्ष समिति के संयोजक डॉ. शेषराज घिमिरे ने कहा कि जब तक सरकारी स्तर की सेवाएं प्राप्त करने की आवश्यकता सहित चार सूत्री मांगें पूरी नहीं हो जातीं, तब तक विरोध जारी रहेगा। उन्होंने कहा कि मरीजों को और अधिक असुविधा से बचाने के लिए वे केवल तीन घंटे के लिए ओपीडी सेवाओं का बहिष्कार कर रहे हैं। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि उनकी मांगों की अनदेखी की गई तो आपातकालीन सेवाओं को छोड़कर सभी सेवाएं पूरी तरह से बंद कर दी जाएंगी।