Sun. Mar 23rd, 2025

उपेन्द्र यादव ने ठुकराया ओली का अध्यादेश

अध्यादेश के बारे में उपेन्द्र यादव का स्टेटस 

नेपाल सरकार द्वारा छह अध्यादेश जारी किए गए हैं तथा उन्हें अनुमोदन के लिए प्रतिनिधि सभा और राष्ट्रीय आभा में पंजीकृत किया गया है। सरकार द्वारा जारी अध्यादेशों में, “भूमि से संबंधित कुछ नेपाल अधिनियमों में संशोधन करने के लिए अध्यादेश” भूमि के आकार और क्षेत्र को निर्दिष्ट किए बिना विभिन्न व्यक्तियों को भूमि बेचने, वितरित करने या विभाजित करने के लिए लाया गया प्रतीत होता है।

इस अध्यादेश पर हमारी गंभीर असहमति और विरोध है। उक्त अध्यादेश में रियल एस्टेट कारोबार, असंगठित बंदोबस्त, भूमि विकास, ऐसे मकानों में मकान निर्माण तथा विक्रय एवं वितरण, सार्वजनिक भूमि, नदियों, नालों या नहरों के किनारे की भूमि, वन, राष्ट्रीय उद्यानों एवं आरक्षणों की भूमि, पशु बाजार, बाजार स्टालों या मंडियों के पास की भूमि, सड़कों के किनारे की भूमि, वन क्षेत्र या बफर जोन के रूप में घोषित भूमि, बुटियन क्षेत्र के रूप में घोषित भूमि, साथ ही राष्ट्रीय वनों पर अतिक्रमण कर उन्हें नष्ट करने तथा उन पर अवैध रूप से कब्जा करने पर रोक लगाई गई है। वनों की कटाई, पर्यावरण एवं जैविक विविधता का विनाश तथा आंतरिक प्रवास एवं आप्रवास में अत्यधिक वृद्धि के कारण भविष्य में आंतरिक संघर्ष उत्पन्न होने तथा देश के विघटन की संभावना है।

यह भी पढें   सिंगापुर के विरुद्ध मैत्रीपूर्ण खेल में नेपाल की ऐतिहासिक जीत

इसका चुरिया क्षेत्र पर भी गंभीर प्रभाव पड़ेगा, जिससे तराई/मधेश का रेगिस्तानीकरण हो जाएगा। यदि यह अध्यादेश पारित हो जाता है तो इससे कुछ भ्रष्ट व्यक्तियों, कमीशनखोरों, बिचौलियों, सरकार के करीबी लोगों, भू-माफियाओं और बड़े रियल एस्टेट कारोबारियों के साथ-साथ हाउसिंग कंपनियों को फायदा होगा। यदि सरकार भूमिहीन दलितों, भूमिहीन व गरीब अनाधिकृत निवासियों तथा असंगठित बस्तियों की समस्याओं का समाधान करना चाहती है, तो नेपाल के प्रचलित कानून व नियमों में इसके लिए पर्याप्त प्रावधान हैं। सरकार को उनकी समस्याएं हल करनी चाहिए। सरकार भी ऐसा कर सकती है। “भूमि से संबंधित कुछ नेपाल अधिनियमों में संशोधन करने वाला अध्यादेश” लंबे समय से देश और समग्र राष्ट्र के हितों के विरुद्ध रहा है।

यह भी पढें   प्रधानमंत्री ओली प्रश्नों के उत्तर देने के बजाय सांसदों पर प्रतिप्रश्न ज्यादा करते हैं
उपेन्द्र यादव, फाईल तस्वीर

About Author

आप हमें फ़ेसबुक, ट्विटर और यूट्यूब पर फ़ॉलो भी कर सकते हैं.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *