डीएवी ‘DAV’ स्कूल: संस्कृत और संस्कृति का अनूठा संगम
2 weeks ago
काठमांडू, ललितपुर । ललितपुर के जाउलाखेल में स्थित डीएवी स्कूल (सुशील केडिया विश्व भारती विद्यालय) केवल एक शिक्षण संस्थान नहीं, बल्कि एक अभियान है। यहाँ विद्यार्थी अपनी रुचि के अनुसार नृत्य, संगीत, खेलकूद और पुस्तकों के बीच ज्ञान अर्जन करते हैं। सहायक प्रधानाध्यापक रामचंद्र खनाल कहते हैं, “डीएवी अन्य स्कूलों से अलग है। यहाँ विद्यार्थियों को जीवन दर्शन और जीवनोपयोगी शिक्षा दी जाती है।” एक दुखद घटना से जन्मा स्कूल डीएवी की स्थापना एक दुखद घटना से प्रेरित है। स्कूल के संस्थापक शंकरलाल केडिया के 19 वर्षीय छोटे बेटे का सन् 1993 में अचानक निधन हो गया। इस शोक को शक्ति में बदलने के लिए केडिया ने एक विद्यालय खोलने का संकल्प लिया, जहाँ हर विद्यार्थी को अपने बच्चों की तरह देखा जाए। व्यवसायी होने के साथ-साथ सामाजिक कार्यों में सक्रिय केडिया ने इस स्कूल को एक पवित्र उद्देश्य के साथ शुरू किया। खनाल कहते हैं, “यह एक मेमोरियल स्कूल है, जो नेपाली वैदिक परंपरा, संस्कृति और आधुनिक ज्ञान को जोड़ता है।” संस्कृत अनिवार्य, बहुभाषी शिक्षा का अवसर डीएवी ने भीड़ से अलग पहचान बनाने के लिए संस्कृत को अनिवार्य विषय बनाया है। कक्षा 5 से 8 तक सभी विद्यार्थी संस्कृत पढ़ते हैं। खनाल बताते हैं, “संस्कार को पाठ्यक्रम में शामिल किए बिना हम अन्य स्कूलों जैसे ही रह जाते। संस्कृत के साथ-साथ हम आधुनिक भाषाओं को भी बढ़ावा देते हैं।” यहाँ अंग्रेजी के अलावा फ्रेंच, जर्मन और चीनी में से कोई एक भाषा चुनने का विकल्प है। इसके अतिरिक्त हिन्दी, पाली और स्थानीय भाषाएँ भी पढ़ाई जाती हैं। खनाल कहते हैं, “भाषा विचारों को व्यक्त करने और ज्ञान के क्षितिज को विस्तृत करने का माध्यम है।”
हर साल एक नया थीम
डीएवी में अनुशासन को प्राथमिकता दी जाती है। हर साल एक थीम तय किया जाता है, जिसके आधार पर विद्यार्थियों को प्रशिक्षित किया जाता है। उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले छात्रों को विभिन्न क्षेत्रों में पुरस्कार दिए जाते हैं। खनाल कहते हैं, “हमारा लक्ष्य विद्यार्थियों को रचनात्मक, समूह में कार्य करने वाला और आलोचनात्मक चेतना से युक्त बनाना है।”
व्यावहारिक और तकनीकी शिक्षा
यहाँ घोकने वाली पढ़ाई से हटकर प्राविधिक और व्यावहारिक शिक्षा पर जोर है। मास मिडिया, आईटी, इलेक्ट्रॉनिक्स, रोबोटिक्स और फैशन डिजाइन जैसे कोर्स उपलब्ध हैं। खनाल कहते हैं, “12वीं के बाद विद्यार्थी आत्मनिर्भर बन सकें, इसलिए हम व्यावसायिक शिक्षा को बढ़ावा देते हैं।”
खेलकूद और संगीत में उत्कृष्टता
डीएवी खेलकूद में भी अव्वल है। क्रिकेट, फुटबॉल और बास्केटबॉल जैसे खेलों के लिए क्लब और प्रशिक्षक हैं। संगीत और नृत्य में भी यहाँ विशेष ध्यान दिया जाता है। योग को भी पाठ्यक्रम में शामिल किया गया है, जिसकी अलग से परीक्षा होती है।
आधुनिक सुविधाएँ
स्कूल में स्मार्ट बोर्ड, विज्ञान प्रयोगशाला और कक्षा के अनुसार अलग-अलग लाइब्रेरी हैं। यहाँ नेपाली और भारतीय (सीबीएसई) बोर्ड दोनों से पढ़ाई होती है। नतीजे भी शानदार रहे हैं, जैसे कि एसईई में 4 जीपीए तक प्राप्त करना।
मध्यम शुल्क, छात्रवृत्ति की सुविधा
डीएवी का मासिक शुल्क 10,000 से 12,000 रुपये तक है, जो इसे सुलभ बनाता है। उपत्यका के बाहर के छात्रों के लिए आवासीय सुविधा और स्थानीय छात्रों के लिए बस की व्यवस्था है। सरकार के नियमों के अनुसार छात्रवृत्ति भी दी जाती है। वर्तमान में यहाँ 4,500 विद्यार्थी पढ़ते हैं।
निष्कर्ष
डीएवी स्कूल न केवल शिक्षा देता है, बल्कि संस्कृति, संस्कार और आधुनिकता का संगम भी प्रस्तुत करता है। यहाँ से निकलने वाला हर विद्यार्थी न सिर्फ ज्ञानी, बल्कि एक जिम्मेदार वैश्विक नागरिक बनने की राह पर बढ़ता है।