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ब्याजदर ४५ महिनों में सबसे न्यूनतम स्तर पर

मुख्य बिंदु:

  • कर्ज पर औसत ब्याजदर फागुन २०८१ में घटकर ८.४ प्रतिशत पर आ गया है, जो ४५ महिनों में सबसे कम है।
  • आर्थिक वर्ष २०७७/७८ में यह दर ८.४३ प्रतिशत थी और २०७९/८० में बढ़कर १३.०३ प्रतिशत तक गई थी।
  • वाणिज्य बैंक के व्यक्तिगत मुद्दती निक्षेप पर ब्याजदर वैशाख में औसतन अधिकतम ६.०२५% और न्यूनतम ४.०६१% रही।
  • साधारण बचत पर ब्याजदर औसतन अधिकतम ४.४१४% और न्यूनतम ३.०१३% दर्ज हुई।
  • बैंक तथा वित्तीय संस्थानों की तरलता स्थिति मजबूत है, इसलिए ब्याजदर में लगातार गिरावट आ रही है।
  • चालू आर्थिक वर्ष के ८ महिनों में निक्षेप ४.३% और कर्ज ६% बढ़ा है।
  • बैंकर्स के अनुसार ब्याजदर घटने के बावजूद कर्ज की मांग में उल्लेखनीय वृद्धि नहीं हुई है।
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निष्कर्ष:
बैंकिंग क्षेत्र में तरलता बनी हुई है, लेकिन कमजोर आर्थिक गतिविधियों के कारण कर्ज की मांग में अपेक्षित उछाल नहीं देखा गया है। ब्याजदर की यह गिरावट निवेश को प्रोत्साहित करने की दिशा में एक सकारात्मक संकेत हो सकती है।

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