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40-सूत्री ज्ञापन का हिन्दी अनुवाद
1. सन 1950 की नेपाल-भारत संधि सहित सम्पूण्र् ा असमान संधि-समझौतों को खारिज करनापड़ेगा।
2. राष्ट्रघाती टनकपुर समझौते पर पर्दा डालने और नेपाल के सम्पूण्र् ा जल-सम्पदाओं पर भारतीय विस्तारवाद का एकाधिकार सौंपने के उददेश्य से, 2052 साल माघ 15 गते को सम्पन्न ‘नेपाल-भारत महाकाली संधि के ‘और अधिक राष्ट्रघातीतथा ”दीर्घकालीन दृषिट से अधिक खतरनाकहोने के कारण् ा, उक्त संधि को अविलम्ब खारिज करना पड़ेगा।
3. नेपाल और भारत की ख्ुाली सीमा को नियंत्रित और व्यवसिथत करना होगा। नेपाल के अन्दर भारतीय नम्बर-प्लेट की गाडि़यां चलाने पर अविलम्ब रोक लगानी पड़ेगी।
4. गोरखा भर्ती केन्द्र को रदद करना पड़ेगा और नेपालियों के लिये स्वदेश में ही सम्मानजनक रोजगार की व्यवस्था करनी होगी।
5. नेपाल के विभिन्न क्षेत्रों में काम के लिये स्वदेशी कामदारों को ही प्राथमिकता देनी होगी और विदेशी कामदारों को विशेष अवस्था में काम पर लगाते समय ‘वर्क परमिट प्रथा कोलागू करना होगा।
6. नेपाल में उधोगों से अधिक व्यापार और वित्तीय क्षेत्र में विदेशी एकाधिकार पूंजी का आधिपत्य समाप्त करना होगा।
7. आत्मनिर्भर राष्ट्रीय अर्थतंत्र के विकास को ध्यान में रखकर सीमाशुल्क नीतियों का निर्माण् ा और उसे लागू करना पड़ेगा।
8. साम्राज्यवादी तथा विस्तारवादी संस्कृतिक प्रदूषण् ा अतिक्रमण् ा को समाप्त करना होगा और अनुशासनहीन (आवारा) हिन्दी सिनेमा, वीडीओ तथा पत्र-पत्रिकाओं के आयात और वितरण् ा पर अविलम्ब रोक लगाना पड़ेगा।
9. एन.जी.आ.े और आइ.एन.जी.ओ.के नाम पर देश के अन्दर हो रही साम्राज्यवादी – विस्तारवादी घुसपैठ का अन्त करना पड़ेगा।
10. जनगण् ातंत्रात्मक प्रण् ााली की स्थापना के लिये निर्वाचित जनप्रतिनिधियों द्वारानये संविधान का निर्माण् ा-नियंत्रण् ा करना पड़ेगा।
11. राजा और राजपरिवार के सभी विशेषाधिकारों को समाप्त करना पड़ेगा।
12. सेना, पुलिस, प्रशासन को पूण्र् ारूप से जनता के नियंत्रण् ा में रखना पड़ेगा।
13. सुरक्षा ऐन सहित सभी दमनकारी कानूनों को खारिज करना पड़ेगा।
14. राजनीतिक प्रतिशोध के कारण् ा झूठे मुकदमों में फंसाकर रुकुम, रोल्पा, जाजरकोट, गोरखा, काभ्रे, सिन्धुपालचौक, सिन्धुली, धनुषा और रामेछाप जिला सहित अन्य जिलों में बन्द कैदियों को अविलम्ब रिहा करना होगा। और, सभी झूठे मुकदमों को खारिज करना होगा।
15. जिले-जिले में हो रहे सशस्त्र पुलिस आपरेशन दमन और राज्य आतंक को अविलम्ब बन्द करना पड़ेगा।
16. विभिन्न समय में हिरासत से लापता कर दिये गये दिलीप चौधरी, भुवन थापामगर, प्रभाकर सुवेदी सहित व्यकितत्वों के बारे में निष्पक्ष जांचकर अपराधियों पर कड़ी कार्रवार्इ करनी होगी। और, पीडि़त परिवारों को उचित क्षतिपूर्ति प्रदान करनी होगी ।
17. जन-आन्दोलन के क्रम में मारे गये व्यकितयों को शहीद घोषित करना होगा। शहीदों के परिवारों तथा घायल और विकलांगों को उचित क्षतिपूर्ति देनी होगी और हत्यारों पर कड़ी कार्रवार्इ करनी पड़ेगी।
18. नेपाल को धर्मनिरपेक्ष राज्य घोषित करना पड़ेगा।
19. महिलाओं के पितृसत्तात्मक शोषण् ा का अन्त करना पड़ेगा। पुत्रियों को भी पुत्र के समान पैतृक सम्पतित पर समान अधिकार देना होगा।
20. सभी प्रकार के जातीय शोषण् ाों और उत्पीड़नों का अन्त करना होगा। जनजाति-बहुल क्षेत्रों में जातीय स्वायत्त शासन की व्यवस्था करनी होगी।
21. दलितों के साथ भेदभाव का अन्त करना होगा और छूआछूत प्रथा को पूण्र् ा रूप से बन्द करना होगा।
22. सभी भाषा-भाषियों को समान अवसर और सुविधा देनी पड़ेगी। उच्च माध्यमिक स्तर तक मातृभाषा में शिक्षा प्राप्त करने का अवसर प्रदान करना होगा।
23. वाक तथा प्रकाशन स्वतंत्रता की पूण्र् ा गारन्टी देनी होगी। सरकारी संचार माध्यमों को पूण्र् ारूप से स्वायत्त बनाना होगा।
24. बु़िद्धजीवी, साहित्यकार, कलाकार और संस्कृति-कर्मियोंकी एकेडेमिक स्वतंत्रता की पूण्र् ा गारन्टी देनी पड़ेगी।
25. पहाड़ तरार्इ के क्षेत्रीय भेदभाव का अन्त करना होगा। पिछड़े हुए इलाकों को क्षेत्रीय स्वायत्तता प्रदान करनी होगी। गांव और शहर के बीच सन्तुलन कायम करना पड़ेगा।
26. स्थानीय निकायों को अधिकार और साधन सम्पन्न बनाना पड़ेगा।
27. जमीन का मालिक जोतनेवालों को ही होना पड़ेगा। सामन्तों की जमीन जब्तकर भूमिहीन तथा सुकुम्बासियों मे वितरण् ा करना होगा।
28. दलाल और नौकरशाह पूंजीपतियों की सम्पत्ति जब्तकर उसका राष्ट्रीयकरण् ा करना होगा। अनुत्पादक क्षेत्रों में फंसी पूंजी को औधोगीकरण् ा में लगाना होगा।
29. सभी को रोजगार की गारन्टी देनी होगी। रोजगार नहीं पाने तक बेरोजगार भत्ता दिये जाने की व्यवस्था करनी होगी।
30. उधोग, कृषि सहित सभी क्षेत्रों में काम करनेवाले मजदूरों की निम्नतम मजदूरी निर्धारितकर उसे कड़ार्इ के साथ लागू करने की व्यवस्था करनी होगी।
31. सुकुमवासियों(भूमिहीनों) के बसोवास की व्यवस्था किये बिना उन्हें विस्थापित करने की कर्रवार्इ पर तुरन्त रोक लगानी होगी।
32. गरीब किसानों को पूण्र् ा रूप से ऋण् ामुक्त करना होगा। कृषि विकास बैंक द्वारा छोटे किसानों द्वारा लिये गए ऋण् ाों को माफ करना होगा। छोटे उधोगों को समुचित कर्ज उपलब्ध कराने की व्यवस्था करनी होगी।
33. खाद-बीज सस्ती और सुलभ होनी चाहिए, किसानोेंं को उनके उत्पादनों का उचित मूल्य और उसके लिये बाजार की व्यवस्था करनी होगी।
34. बाढ़पीडि़तों और सूखाग्रस्त क्षेत्रों में उचित राहत की व्यवस्था करनी होगी।
35. सभी को नि:शुल्क और वैज्ञानिक स्वास्थ्य सेवा और शिक्षा की व्यवस्था करनी शिक्षा क्षेत्र में व्याप्त व्यापारीकरण् ा का अन्त करना होगा।
36. महंगार्इ नियंत्रण् ा करना होगा। महंगार्इ के अनुपात में मजदूरी में वृद्धि करनीहोगी। दैनिक उपभोग की वस्तुएं सस्ती और सुलभ तरीके आपूर्ति की व्यवस्क्था करनी होगी।
37. गांव-गांव में पेयजल, मार्ग और बिजली की व्यवस्था करनी पड़ेगी ।
38. कुटीर तथा छोटे उधागों को विशेष सुविधा और संरक्षण् ा देना होगा।
39. भ्रष्टाचार, कालाबाजारी, तस्करी, घूसखोरी, कमीशनतंत्र का अन्त करना होगा।
40. अनाथ, विकलांग, वृद्ध और बाल-बालिकाओं की उचित संरक्षण् ा की व्यवस्था करनी होगी।