Fri. Mar 29th, 2024

मधेशी को अधिकार न तो दिल्ली दरबार देगा और न ही सिंहदरबार, केवल आन्दोलन से मिलेगा : नागरिक अगुवा

जितेन्द्र ठाकुर,विराटनगर ,५ दिसम्बर ,२०१५ |



जारी मधेश आन्दोलन समानता के लिए है जिसे कोई रोक नहीं सकता है । नागरिक अगुवा का यह दावा है । देश के भीतर मधेशी, मुस्लिम , थारु को अधिकार से वंचित रखकर दास बनाने की मानसिकता के विरोध में आन्दोलन हो रहा है । दास बनाकर रखने की मानसिकता से संविधान जारी किया गया । विराटनगर में शनिवार स्वतन्त्र मधेशी समाज तथा राष्ट्रीय मुस्लिम गठबन्धन मोरगं द्वारा आयोजना किए गए नागरिक खवरदारी सभा में नागरिक अगुवा ने कहा कि मधेश आन्दोलन ही देश में मधेश को समानता का अधिकार दिला सकता है । इसे दिल्ली से जोड़कर देखना और इसे बदनाम करने की कोई भी साजिश इस आन्दोलन को नहीं रोक सकता है । न ही इसे बन्दूक के बल पर रोका जा सकता है ।

nagri khabardari
नागरिक अगुवा तथा राजनीतिक विषलेषक सिके लाल ने कहा कि जनता ही राजा है और उनके अधिकार को आन्दोलन ही स्थापित कर सकता है । इसे किसी भी हाल में कोई भी नहीं रोक सकता । नेपाल में हमेशा आन्दोलन सफल हुआ है । इसका इतिहास साक्षी है । आज तक जो भी परिवर्तन हुए हैं वो सब आन्दोलन से ही सम्भव हुआ है । उन्होंने कहा कि आन्दोलन में नैतिकवान होने की आवश्यकता है । शासक वर्ग वार्ता का नाटक कर रहे हैं । वो पसेरी लेकर कनमा देने की कोशिश में लगे हुए हैं । इसके लिए हमें सचेत होना होगा । दूसरे नागरिक अगुवा खगेन्द्र संग्रौला ने कहा कि मधेश आन्दोलन किसी के बहकाने से नहीं शुरु हुआ है । अगर ऐसा होता तो यह इतने दिनों तक चल ही नहीं सकता था । उन्होंने कहा कि मधेशी को अधिकार न तो दिल्ली दरबार देगा और न ही सिंह दरबार यह उन्हें आन्दोलन से ही मिलने वाला है । देश में समानता तथा परिवर्तन के लिए जब भी आन्दोलन होता है तो किसी अन्य से सहायता लेना स्वाभाविक है । यह सहयोग अगर पहाडी भारत से लेते हैं तो वह पवित्र है और मधेश लेता है तो अपवित्र यह कहाँ तक उचित है ? नागरिक अगुवा प्रवीण मिश्र ने कहा कि मधेशियों को एक सोची समझी साजिश के तहत अधिकार से वंचित किया जा रहा है । उन्होंने कहा कि मधेशियों को अधिकार आन्दोलन से ही मिलेगा किन्तु संयम बनाए रखना होगा । देश में तीन तरह के शोषण करने वाले तत्व मौजुद हैं ३० से ३५ लागों का एक शोषक समुह , तीन सौ से चार सौ का और चार हजार से ५ हजार का । शोषक ने मधेशी ,थारु, मुस्लिम आदि का विभिन्न बहाना में छल कर के शोषण करते हुए अधिकार से वंचित किया है । अधिवक्ता सुरेन्द्र मेहता ने कहा कि अन्तरिम संविधान ने जो अधिकार दिया था ये लोग उसे भी छीन चुके हैं । नागरिकों के बीच मतभेद लाकर देश में शान्ति और विकास सम्भव नहीं है । मधेश की समस्या को दिल्ली का कह कर समाधान नहीं हो सकता है । देश की समस्या का समाधान देश में ही सम्भव है इसके लिए किसी और की आवश्यकता नहीं है और इस समस्या के समाधान के लिए मधेश को सम्बोधन करना ही होगा । सीमांकन आधार, माापदण्ड विहीन है जिसे कुछ नेता अपनी मर्जी चलाकर लागु करना चाहते हैं । सभा का समापन अध्यक्ष फूलकुमार के मंतव्य से हुआ । नागरिक खवरदारी सभा को सलिम अन्सारी , जफर अहमद जमाली , प्रविण नारायण चौधरी ने भी सम्बोधित किया था । इस अवसर पर राम भजन कामत द्वारा निर्देशित नाटक तथा नायक बिरेन्द्र झा का मधेश आन्दोलन पर अधारित गीत को अजित झा ने प्रस्तुत किया था ।



About Author

यह भी पढें   क्रिकेट : नेपाल ए आज आयरलैंड ए से खेलेगा, बारिश की संभावना आज भी
आप हमें फ़ेसबुक, ट्विटर और यूट्यूब पर फ़ॉलो भी कर सकते हैं.
Loading...
%d bloggers like this: