वह दस बातें जो अपने बच्चों को अवश्य सिखाएँ
सुजित कुमार झा, वरिष्ठ सॉफ्टवेयर कंसलटेंट, अमेरिका
अमेरिकी लेखक अन्न दिलाने द्वारा लिखित पुस्तक, पॉलिटिक्स फॉर डम्मीस के मुताबिक राजनीति संबंधी वह दस बातें ना तो केवल सबको जानना चाहिये बल्कि अपने बच्चो को समेत शिक्षा देनी चाहिये। हो सकता है आपके बच्चे इस पर ध्यान न दें किन्तु वे हो सकता है की इन बातों को वे याद रखे।
१. मतदान आपका केवल अधिकार ही नहीं, बल्कि कर्त्तव्य है
आपको शायद भले ही ये बातें ध्यान में आती हो या आपने सुनी हो
क. मेरा मत वोट कोई मायने नहीं रखता हार जीत का तो फैसला १ से तो होगा नहीं तो ऐसे में मेरे मत का कोई औचित्य नहीं है तो खामख़ा हमें इसमें नहीं पड़ना चाहिये।
ख चाहे जो जीते सभी नेता एक ही प्रकार के होते हैं, अधिक से अधिक लोग ये मानते हैं कि नेता तो सब के सब भ्रष्ट होते हैं तो जो कोई जीते क्या फर्क पड़ता है ।
ग. मै किसी नेता या उम्मीद्वार को नहीं जनता मुझे राजनीति से कोई लगाव नहीं और मै किसी को जानता भी नहीं हूँ तो खामख़ा अपना समय बरबाद क्यों करें ?
घ. मै काफ़ी व्यस्त हूँ, मुझे इन सब चीजों से कोई फर्क नहीं पड़ता।
ङ. मै इन बातों में नहीं पड़ना चाहता। मुझे और कई काम है।
उपर्युक्त बातों से बचना चाहिये। आप अपने फ़र्ज़ से भागने का ये कोई महत्वपूर्ण कारण नहीं होना चाहिये। चाणक्य ने भी यही कहा है की राजनीति ही देश, आपको और आपके बच्चों का भविष्य निर्धारण करती है।
२ लोक जनता सेवा ही अच्छा और आदरणीय पेशा है
भागदौड़ भरी जिन्दगी है। हम जानते है हमें हमारा काम खुद करना है और कोई हमारे काम नहीं आएगा । ऐसे में हमें खुद के बारे में सोचना है। हम कभी कभी जरुरत से ज्यादा महत्वाकांक्षी हो जाते हैं। लेकिन याद रखे जो दीखता है वही बिकता है और जो जनता की सेवा करता है वही दीखता भी है।
३. अपने मत को पैसे के तराजु से मत जोखिये या बेचिये
पैसे आतें ही हैं खर्च होने के लिए। आज आपको किसी ने भले ही आवश्यकता पूरा कर दिया हो या फिर आपके पेट भर दिया हो , सदैव कोई नहीं करेगा। किन्तु जो आपको पैसे दे रहा है वो कहीं न कहीं से आपका ही पैसा, अधिकार को बेच कर ब्याज सहित उसूल कर रहा है।
४. उनका कभी विश्वाश न करें जो झूठ बोलता हो
जैसे आप छोटे छोटे लोगों को झूठ बोलने पर माफ़ नहीं करते। राजनीतिज्ञ भी किसी से अलग नहीं है। उनके साथ भी आपको वही बर्ताव करना चाहिये। जो छोटा झूठ बोलता हो वह बड़ा झूठ भी बोल सकता है।
५. सरकार हेतु लोकतंत्र ही सबसे अच्छा प्रणाली है
हमें सच्चा, ईमानदार राजनीतिज्ञयों की सही पहचान होना चाहिये। किसी एक आदमी के हाथ में हम रिमोट कंट्रोल दे कर आजीवन अपना गला नहीं घोट सकते। याद रहे उन स्थानों पर हमेशा एक जैसा ब्यक्ति नहीं आ सकता , जैसे मुग़लों में सभी अकवर जैसा नहीं थे।
६. राजनीति को टालकर आप अपने असफ़लता पर अपने आपको और कोसेंगे
आप राजनीति को टालते रहें और भविष्य में जब बिगड़ता देख इसको कोसेंगे की ये सब नेताओं के वजह से है तो उस वक्त आप को अपने आप को याद करें की आपने तो उतना भी नहीं किया है।
७. अपने आप बिचार कर तथ्यों को सीखे और समझे
राजनीती में सही दिशा का मार्ग दर्शन खुद से अपने बिचारों के मुताबिक सही तथ्यों को पकड़ कर करें। किसी पर भरोसा न करें। राजनीति में जरुरी नहीं की सब सब सिर्फ एक ही उद्देश्य से लगे हों।
८. आपको वोट करने के लिए १८ साल तक प्रतीक्षा करना है, किन्तु दूसरों को मदद करने के लिए नहीं
आप अभी वोट देने योग्य नहीं हुए किन्तु आपको सारे सिस्टम के बारे में ज्ञान होना जरुरी है। आप बुजुर्गों को भी मार्ग दर्शन करा सकते हैं।
९. राजनीतिज्ञ सब हमारे जैसे ही हैं
हम इतिहास में भी काफी पढ़े है और आज भी कई सफल राजनीतिज्ञ हम से भी गरीब घर से उठ कर आएं हैं , इसीलिए हमको कदाचित ये नहीं सोचना चाहिए की ये सिर्फ वही कर सकते हैं हम नहीं।
१०. जब कोई राजनीतिज्ञ कोई आपसे कोई वादा किया हो, तो आप याद रखे और उसे भी दिलाते रहें
सोभियत यूनियन के प्रसिद्ध राजनीतज्ञ निकिता ख्रुश्चेव ने कहा है पॉलिटिशियन्स आर द सेम आल ओवर दे प्रॉमिस टू बिल्ड ब्रिज इवन देयर इज नो वाटरू कहने का मतलव हर जगह के राजनीतिज्ञ एक जैसा होतें हैं। वे वहां भी पूल बनाने का वादा करते हैं जहाँ पानी ही न हो । आपको राजनीतिज्ञ द्वारा किया हुआ वादा याद रखना चाहिये और उन्हें एहसास दिलाना चाहिये की आपने जो कहा था वो नहीं कर रहे।