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विभिन्न विधा के तीन दर्जन स्रष्टाओं को साहित्यिक तथा सांस्कृतिक पुरस्कार से सम्मानीत

विजेता चौधरी, काठमाण्डू, साउन १२
संस्कृति, पर्यटन तथा नागरिक उडडयन मन्त्रालय ने आज विभिन्न साहित्यिक तथा सांस्कृतिक पुरस्कार वितरण के लिए आयोजित कार्यक्रम में तकरिबन तीन दर्जन स्रष्टाओं को एक मञ्च पर सम्मान प्रदान किया है ।



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नेपाल प्रज्ञा प्रतिष्ठान कमलादी में आयोजित उक्त सम्मान समारोह में क्षेत्रीय प्रतिभा पुरस्कार से मध्यमाञ्चल विकास क्षेत्र से भाषा तथा साहितय विधा के लिए मैथिली के महान स्रष्टा डा. रेवतीरमण लाल को पुरस्कृत किया गया है ।
वहीं देश विदेश में मिथीला कला को पहचान दिलाने का योगदान स्वरुप ललितकला विधा के तरफ जनकपुर के कलाकार अजित कुमार साह को राष्ट्रीय प्रतिभा पुरस्कार से सम्मानीत किया गया है ।
कार्यक्रम में इस वर्ष के राष्ट्रीय प्रतिभा पुरस्कार संस्कृति विधा में डा. कृष्ण बहादुर थापा, संगीत तथा नाट्य के तरफा विष्णुभक्त फुयाँल, भाषा साहित्य के तरफ सरोज कुमार ओली को प्रदान किया गया । उक्त पुरस्कार की राशी एक लाख रुपया है । उक्त तिनो विधा में पाँच विकास क्षेत्र के पाँच पाँच स्रष्टाओं को पचास हजार सहित के क्षेत्रीय प्रतिभा पुरस्कार प्रदान किया गया ।
स्रष्टा सम्मान समारोह के प्रमुख अतिथि रहें प्रधानमन्त्री केपी शर्मा ओली ने सम्पूर्ण स्रष्टाओं को सम्मानपत्र तथा नगद राशी देकर सम्मान प्रदान किया ।
कार्यक्रम में बोलते हुए ओली ने कहा घर घर में आसु कवि व प्रतिभा वाले हमारा देश सदियों से अखण्ड रहा है । इस ने कभी किसी को अपने पिठ पर चढने नहीं दिया और स्वतन्त्रता के गौरवगाथा बनाए रखा है कहा ।

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इसी प्रकार महाकवि देवकोटा पुरस्कार बाल साहित्य तथा लोक साहित्य के लिए डा. हंसपुरे सुवेदी को प्रदान किया गया । वहीं निबन्ध के लिए हेमनाथ पौडेल, गद्याख्यान के लिए साहित्यकार माया ठकुरी तथा कविता विधा के लिए मेघराज मञ्जुल को प्रदान किया गया । यह पुरष्कार गोपाल अश्क को भी प्रदान किया गया | देवकोटा पुरस्कार एक एक लाख राशी का है ।
इसी वर्ष स्थापना तथा प्रदान किया गया भगत सर्वजित मानव मर्यादा राष्ट्रीय पुरस्कार अन्तर्गत दलित मुक्ति आन्दोलन के अगुवा पदमसिंह विश्वकर्मा को मरणोपरान्त उक्त पुरस्कार दिया गया जिसे उन की धर्मपत्नी ने ग्रहण किया । इसी प्रकार सीप, कला तथा संस्कृति के लिए पदम सुन्दास तथा समाज सुधार अभियान के क्षेत्र में डा. मोदनाथ पश्रित को प्रदान किया गया ।
संस्कृति, पर्यटन तथा नागरिक उडडयन मन्त्री आनन्दप्रसाद पोखरेल ने विभिन्न विधा में पुरस्कार के लिए आवेदन तथा सिफारीस आह्वान कर विज्ञ के चयन समिति ने छनौट के आधार पर पुरस्कार प्रदान किए जाने की बात सार्वजनिक किया ।
यद्यपि देखा जाए तो सम्मान समारोह में कई स्रष्टा निरन्तर दोहरा रहें हंै । प्रतिभा सम्मान में भी कई स्रष्टा पहले पुरस्कृत हो चुकें हैं । प्रदान किए गएँ आज के पुरस्कार को प्रतिभा सम्मान से भी अधिक योगदान स्वरुप या कदर स्वरुप पुरस्कार प्रदान करना ज्यादा कारगर होता । क्योंकी सम्मानीत प्रायः स्रष्टा वर्षोै से साधना करते और योगदान देते आ रहें बुजुर्ग स्रष्टा ही थें नये को तो सम्मानीत किया ही नही गया । अतः प्रतिभा पुरस्कार कहना उपयुक्त नहीं दिखता ।
कार्यक्रम में नेपाल प्रज्ञा प्रतिष्ठान के कुलपति गंगाप्रसाद उप्रेति, संगीत तथा नाट्य प्रज्ञाप्रतिष्ठान के कुलपति भक्त श्रेष्ठ, तथा ललितकला प्रज्ञा प्रतिष्ठान के कुलपति रागिनी उपाध्याय ने अपना मनतव्य व्यक्त किया ।



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