संविधान मोदी जी का गुलदस्ता नही बन पाया : राजेन्द्र महतो ने भेजा पैगाम
संविधान निर्माण के दौरान भारतीय प्रधानमन्त्री नरेन्द्र मोदी ने अपने उद्वोधन में कहा था, ‘संविधान को गुलदस्ता बनाओ और ऐसा गुलदस्ता जिसमें सभी फूल खुले ।’ लेकिन वैसा संविधान नहीं बन पाया ।
काठमांडू, २७ फरवरी | लोकतंत्र की सफलता के लिए सबसे महत्वपूर्ण पहली शर्त है कि समाज व्यवस्था में असमानता नहीं होनी चाहिए । समाज में उत्पीडित व शोषित वर्ग न हो । कानूनी और राजनीति के क्षेत्र में समानता के सिद्धान्त का पूरी तरह से अमल हो । ये लोकतंत्र के सफल प्राप्ति के लिए जरुरी बातें हैं । सदियों से उत्पीड़न एवं शोषण में पड़े मधेशी, जनजाति, दलित, अल्पसंख्यक व पहाड़ के जनजाति संविधान में अपना हक अधिकार स्थापित करने के लिए संघर्षत है । लेकिन सत्तारुढ़ दल इनकी मांगों को दरकिनार कर जबर्दस्ती स्थानीय चुनाव की तिथि की घोषणा की है । ये बातें सद्भावना पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजेन्द्र महतो ने २५ फरवरी को नेपाल भारत मैत्री समाज द्वारा आयोजित कार्यक्रम में कहीं ।
बताया कि संविधान निर्माण के दौरान भारतीय प्रधानमन्त्री नरेन्द्र मोदी ने अपने उद्वोधन में कहा था, ‘संविधान को गुलदस्ता बनाओ और ऐसा गुलदस्ता जिसमें सभी फूल खुले ।’ लेकिन वैसा संविधान नहीं बन पाया ।
उन्होंने कहा कि मौजूदा पंजीकृत संविधान संशोधन विधेयक को दरकिनार कर सियासी पार्टियां जबर्दस्ती स्थानीय चुनाव की तारीख घोषणा की है । जो सदियों से शोषण में पड़ी जनता की आकांक्षा की विपरीत है । इसलिए यह जरुरी है पहले संविधान को परिमार्जन सहित संशोधन करें । संविधान संशोधन से पूर्व किसी भी हालत में चुनाव संभव नहीं है ।
अवसर पर सम्मानित व्यक्तित्व भारतीय राजदूत महामहिम रंजीत राय ने कहा कि दोनों देशों के बीच प्राकृतिक सम्बन्ध रहा है । कभी–कभार रिलेशनशीप में उथल–पुथल हो जाता है । इसलिए हर रिलेशनशिप को हमें निरंतर बनाना पड़ता है और बढ़ाना भी पड़ता है । उन्होंने कहा कि आज के संदर्भ में विकास के आधार पर हम आगे बढ़ते हैं तो हमारी मित्रता और मजबूत होगी । मित्रता को बढ़ाने के लिए हमने सारे इनिसिएटिब्स दिए हैं । जिससे दोनों देशों की मित्रता गहरी होगी ।
बाताया कि कोसी और कमला प्रोजेक्ट भी संचालित है और मुझे उम्मीद है कि ये दोनों परियोजनाएं सफल होने के पश्चात् समुद्र से नेपाल का सीधा संपर्क होगा ।
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मौके पर नेपाल–भारत मैत्री समाज के अध्यक्ष प्रेम लस्करी ने रंजीत जी को एक कुशल कूटनीतिज्ञ की संज्ञा देते हुए कहा कि विगत के दिनों की परिस्थितियों को बड़ी सूझबूझ के साथ निपटाया । उन्होंने कहा कि रंजीत जी के कार्यकाल में ही सबसे ज्यादा काम करने का मौका मिला । रंजीत जी हमारे छोटे से छोटे कार्यक्रम में भी आते थे । उन्होंने सदैव हमें काम करने का हौसला प्रदान किया ।
पूर्व सभामुख दमननाथ ढुंगाना ने कहा कि नेपाल की शांति प्रक्रिया में भारत की अहम भूमिका रही । माओवादी केन्द्र के नेता दिनानाथ शर्मा ने कहा कि रंजीत जी एक्शन ओरिएन्टेड राजदूत के रुप में अपनी भूमिका निभायी । मौके पर नयी शक्ति पार्टी के देवेन्द्र पौडल ने भारत के साथ–साथ चीन से भी प्रगाढ़ सम्बन्ध बनाने का जिक्र किया । पूर्व राजदूत लोकराज बराल ने भी रंजीत जी के कार्यकाल की प्रशंसा की । इसी प्रकार नागरिक समाज के अगुआ डा. सुन्दरमणि दीक्षित ने भी रंजीत जी के कार्यकाल को प्रशंसा की ।
अवसर पर महामहिम रंजीत जी को शॉल ओढ़ाकर सम्मानित किया । कार्यक्रम की अध्यक्षता नेपाल भारत मैत्री समाज के अध्यक्ष प्रेम लश्करी ने की तथा कार्यक्रम का संचालन एम.डी. अग्रवाल ने किया । अवसर पर तराई मधेश सद्भावना पार्टी के अधयक्ष महेन्द्र राय यादव, सद्भावना पार्टी के महासचिव मनिषकुमार सुमन, भारतीय राजदूतवास के डिपुटी चीफ ऑफ मिशन विनयकुमार, विभिन्न संस्थाओं प्रतिनिधि आदि मौजूद थे ।

ताे नेपालके संविधान भारतके माेदि जि का गुलदस्ता वनना चाहिए । नेपालका नहीं ।