मिथिला की मैथिली भारत की Rising Star
करुणा झा,राजविराज २२ अप्रैल |“कुदरत का ये अनोखा हाल, गुदडी में चुन चुन रखती है, बडे कीमती लाल”
मिथिला का इतिहास तो स्वर्णिम था ही खासकर नारीयों का दर्जा सदा से ही यहाँ विशिष्ट रहा है, गार्गी, मैत्रेयी, भारती और स्वयं जगतजननी जानकी की यह भूमि मिथिला वास्तव में ज्ञान, कला, संस्कृति का भंडार है । मनुष्य अगर ठान ले तो कुछ भी असम्भव नही, फिर चाहे वो नारी हो या पुरुष, नारी में प्रतिभा की कमी नहीं और न ही वह किसी भी क्षेत्र में पुरुषों से कम है, इसे साबित कर दिखाया है – मिथिलाञ्चल की एक बेटी ने, जो १६ साल की उम्र में ही बडे बडों को गायकी और सूर से नानी याद दिला दी वो मिथिला की बेटी – मैथिली ठाकुर जो कि अब पुरी दुनियाँ की Rising Star बन चुकी है ।
दिल में हौसला और सच्ची लगन हो तो पत्थर को भी पानी बनाया जा सकता है । कोई सोच भी नही सकता कि जिस उम्र में लोगो को जिन्दगी के लक्ष्य के बारे में मालुम भी नही होता उस उम्र में इतने बडे लक्ष्य को हासिल करना, इतनी बडी – बडी चुनौतियों से साक्षात्कार करना वाकइ बहुत ही कठिन होगा इस सब के बाबजुद मैथिली आज के आकाश काRising Star बन के मिथिलाञ्चल समेत पुरे भारत को अपनी रौशनी से जगमग कर दिया, ऐसी मिथिला की सुपुत्री मैथिली को सलाम है । मैने जब इन से बातचीत कि तो उन्होने अपने बारे में जो भी बताया, उसका कुछ अंश मै यहाँ लिख रही हूँ ।
प्रश्न ः मैथिली जी सबसे पहले तो आपको बधाई है, Rising Star के लिए ।
उत्तर ः जी बहुत बहुत धन्यवाद ।
प्रश्न ः मैथिली जी ये गायन क्षेत्र में आप कितने सालों सो है ? कहाँ सीख रही है? आपने पढाई कहाँ तक की है ? गायन में रुचि आपको कब से है ?
उत्तर ः जी, मै जब तीन साल की थी तब से ही गायन में हूँ, असल में मेरे दादा जी, गाँव के गवैया थे, वो स्वयं हारमोनियम बजाते थे, तीन साल की उम्र में मै दादा जी के पास बैठ के उनका गाना सुनती, तभी से मेरी रुची बढी है – शायद, बाद में मै हारमोनियम पर अपने दादा जी, बाद में पिता जी के साथ मिथिला संस्कार गीत गाती थी क्लासिकल मेरे पिता जी गाया करते थे, उन्ही से मैने क्लासिकल सीखा, बाद में हम पुरा परिवार दिल्ली आये मेरे पिता जी दल्ली एक स्कूल में टिचर है, मै अभी दिल्ली के एक स्कूल में १२ वीं मे पढ रही हुँ । मेरी गायन की बजह से दिल्ली में मेरी स्कूल की फी नही लगती स्कूल के कार्यक्रम में मै गाती थी, घर पर पिता जी ने मुझे सुरका ज्ञान दिया, मुझे अपने पापा का सपना पुरा करना है मैं गायकी में खुब नाम कमाना चाही थी, और मुझे Colors Chanel ने ये मौका दिया और मैं Rising Star में आई ।
प्रश्न ः अक्सर देखा जाता है कि मिथिलाञ्चल समेत नेपाल के मधेश या बिहार, यूपी में अभी भी लोग लडकियो को उपेक्षा करते है, उन्हें गायन, नृत्य इन सबसे दुर ही रखा जाता है, बेटी हो के मंच पर गीत गाये ये आज भी गंवारा नहीं, ऐसे मे आपके परिवार ने, खासकर आपके पिता जी ने आपको बहुत हौसला हिम्मत, परवरिश से आपको आगे बढाया है, ये निश्चित ही आज के लोगों के लिए अनुकरणीय है, बेटा हो या बेटी प्रतिभा का प्रष्फुटन जहाँ भी हो उसे सजाने, सँवारने की जरुरत है, आप इस मैथिल समाज या पुरे भारत और नेपालको इस बारे में कुछ कहना चाहेंगी ?
उत्तर ः जी बिल्कुल । मैं तो यही कहुँगी कि मै आज जो कुछ भी हूँ, अपने पापा की बदौलत हूँ, उन्होने मेरा सही समय पर साथ दिया, कभी भी बेटी होने की बजह से ये नही कर सक्ती ऐसा नही सोच, मैं सम्पूर्ण देश वासियों को खासकर अपने मिथिलाञ्चल के लोगों से यही कहना चाहूँगी कि बेटा हो या बेटी, सबको सम्मान दे उनकी प्रतिभा का कद्र करें, प्रतिभा किसी की मोहताज नही होती, जिसमें भी हो, उनको मौका दें, उन्हें आगे बढाये, लडकियोंको किसी चीज में लडको से कम ना आंके बेटियाँ पढेगी, बढेंगी तो ही देश बढेगा । और मैं अपने पापा का उदाहरण देना चाहुँगी … हमें आगे बढाने में उन्ही का हाथ है वे न होते तो आज मैं इतने बडे मंच पर न होती ।
प्रश्न ः मैथिली जी अभी तो आप उम्र में छोटी है, अभी पढाइ भी पुरी करनी है, आप इतने कम उम्र में यतनी बडी सेलिब्रेटी बन गई, आप अपने देश के लिए समाज के लिए कुछ सोचा है ?
उत्तर ः जी । मैं पढाइ भी जारी रखुंगी और गायकी मेरी साधना है, तपस्या है, मैं इसमें भी आगे बढुँगी, अपने परिवार का, अपने पापा का सपना पुरा करुँगी, और दुनियाँ को ये दिखाउँगी कि बढे बढे शहरों में रहकर ही नहीं मेहनत हो, लगन हो, हौसला हो तो छोटे जगहों के लोग भी ऊँची उडान भर अपने सपनों को साकार कर सकते है ।
खासकर हमारे समाज में अभी भी बेटियों को बोझ समझा जाता है, गर्भ में ही उनकी हत्या की जाती हैं, दहेज जैसे कुप्रथा के कारण बेटियों को लोग ज्यादा पढाते नही, तो मै यही कहुँगी कि – बेटियाँ बोझ नही, आपके बोझों को हल्का करनेवाली होती है, इन्हे अवसर दे, इन्हे स्वतंत्रता दें, तो हम में से ही कोई लता मंगेशकर, सानिया मिर्जा तो पी.वी. सिंधु, कल्पना चावला है, और मैथिली ठाकुर है ।
प्रश्न ः जी आपका बहुत बहुत धन्यवाद मैथिली जी, आप Rising Star के फाइनल में है, आप ये फाइनल जीत कर मिथिला का आन बान और शान बन, तारों की तरह चमकते हुए औरों का मार्ग प्रशस्त करें ।
जी धन्यवाद ।
ये मैथिली ठाकुर, इनको पिता रमेश ठाकुर, घर इनका बिहार के मधुबनी जिला में बेनीपट्टी अभी फिलहाल ये दिल्ली में शिक्षा प्राप्त कर रही है । १२ में, इतनी कम उम्र में इतना बडा स्टार बनकर निश्चित ही इन्होंने भारत के साथ साथ हम मिथिलावासियों का सर भी गर्व से ऊँचा कर दिया ।
करुणा झा
राजविराज
जय मिथिला, जय मैथिली ।