इस सावन में ५० साल बाद बन रहा है विशेष संयोग, शिव पूजा से मिलेंगे ये फल
आचार्य राधाकान्त शास्त्री, इस बार भगवान शिव का प्रिय मास सावन में 50 साल बाद विशेष संयोग बन रहा है। खास यह कि सोमवार से इस माह की शुरुआत हो रही और समापन भी सोमवार को ही होगा। यह काफी शुभ फलदायक है। 10 जुलाई से सावन की शुरुआत होगी और 7 अगस्त को रक्षाबंधन यानी सावन पूर्णिमा है।
शास्त्रों के अनुसार काफी सालों बाद इस बार सावन मास में पांच सोमवार है। खास बात यह कि वैधृति योग के साथ सावन प्रारंभ हो रहा है और आयुष्मान योग के साथ इस मास की समाप्ति। सोमवार, सावन मास, वैधृति योग व आयुष्मान योग सभी के मालिक स्वत: शिव ही हैं। इस लिए इस बार का सावन खास है। पुराणों के अनुसार सावन में भोले शंकर की पूजा, अभिषेक, शिव स्तुति, मंत्र जाप का खास महत्व है। खासकर सोमवारी के दिन महादेव की आराधना से शिव और शक्ति दोनों प्रसन्न होते हैं।इनकी कृपा से दैविक, दैहिक और भौतिक कष्टों से मुक्ति मिलती है। निर्धन को धन और नि:संतान को संतान की प्राप्ति होती है। कुंवारी कन्याओं को मनचाहा वर मिलता है। बाबा भोले की पूजा से भाग्य पलट सकता है। सावन में सोमवारी का है विशेष महत्व –
सावन मास में प्रत्येक सोमवारी के दिन जल, फल फूल बेलपत्र दूर्वा अक्षत पान सुपारी इत्यादि के अतिरिक्त दूध, दही, घी, मधु, शक्कर, गन्ने का रस, गंगाजल, हल्दी, और सुगंधित द्रव्य से पूजन अभिषेक का विशेष महत्व है।
सोमेश्वर महादेव आप सपरिवार की सम्पूर्ण कुशलता बनाये रखें,
आचार्य राधाकान्त शास्त्री,