कश्मीर में पाकिस्तान के साथ चीन भी हवा दे रहा है अातंक काे
भारतीय संसद में कश्मीर और डोकलाम पर विपक्षी नेताओं को भरोसे में लेने के बाद भाजपा सरकार कश्मीर घाटी में सुरक्षा तैयारियों को नई धार देने में जुट गई है। इस सिलसिले में जम्मू-कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने गृहमंत्री राजनाथ सिंह से शनिवार को मुलाकात की। महबूबा ने कश्मीर में अशांति के लिए चीन को भी जिम्मेदार बताया । उन्होंने कहा कि इसमें चीन का शामिल हो जाना चिंताजनक है। अमरनाथ यात्रियों पर आतंकी हमले के बाद पहली बार भारतीय गृहमंत्री के साथ मुलाकात के दौरान महबूबा ने ताजा सुरक्षा तैयारियों के बारे में बताया। महबूबा का कहना था कि अमरनाथ यात्रियों पर हमले के पीछे आतंकियों की साजिश पूरे देश में सांप्रदायिक दंगा भड़काने की थी। लेकिन केंद्र सरकार ने जिस तरह से पूरे मामले को संभाला, वह काबिले तारीफ है। इस दौरान अमरनाथ यात्रा की सुरक्षा तैयारियों पर विस्तार से चर्चा हुई। महबूबा ने बताया कि राज्य पुलिस आतंकियों के खात्मे के लिए केंद्रीय सैन्य बलों के साथ पूरी तरह सहयोग कर काम रही है।
लगभग एक घंटे की मुलाकात के बाद उन्होंने संवाददाताओं से कहा कि घाटी की समस्या काननू-व्यवस्था की समस्या नहीं है बल्कि यह एक युद्ध है, जिसमें बाहरी ताकतें शामिल हैं। कश्मीर में चीन की ओर से ताजा बयानों पर चिंता जताते हुए उन्होंने कहा कि इससे निपटने के लिए पूरे देश को एकजुट प्रयास करना होगा। डोकलाम में बढ़ती तनातनी के बीच चीन की मीडिया ने कश्मीर विवाद में हस्तक्षेप की धमकी दी थी। यह पहली बार है कि महबूबा ने सभी पक्षों के साथ बातचीत के जरिये समस्या के सुलझाने की बात नहीं कही। इसके बजाय उन्होंने समस्या के पीछे विदेशी ताकतों का हाथ बताते हुए पूरे देश को एकजुट होकर इससे निपटने का आह्वान किया है। इसके पहले महबूबा हमेशा अलगाववादी समेत सभी पक्षों से बातचीत की वकालत करती रही हैं। इससे संकेत मिलता है कि महबूबा को घाटी में स्थायी शांति लाने की केंद्र सरकार की रणनीति पर भरोसा होने लगा है।
वहीं महबूबा ने अनुच्छेद 370 को लेकर कश्मीर घाटी में फैलाई जा रही भ्रांतियों का जबाव दिया। उन्होंने कहा कि जीएसटी विधेयक पास करने के बाद राष्ट्रपति ने साफ कर दिया है कि अनुच्छेद 370 को बदला नहीं जाएगा। उन्होंने कहा कि अनुच्छेद 370 हमारे जज्बात के साथ जुड़ा हुआ है और इसे हटाना भारी भूल साबित हो सकती है।