सावधान । बच्चाें काे यह गेम अात्महत्या के लिए उकसाता है
2 अगस्त
बच्चे अापकी जिन्दगी हैं । पर क्या अाप जान रहे हैं कि वाे कैसे अाप से दूर हाेते जा रहे हैं । उन्हें वक्त दें अाैर ध्यान दें कि कहीं वाे माेबाइल के गेम में माैत ताे नहीं तलाश रहे । क्या आप भी अपने बच्चे को वक्त नहीं देते हैं? क्या आपने खाली वक्त में बहलाने के लिए उसके हाथ में मोबाइल थमा दिया है? क्या आपका बच्चा भी अपना ज्यादातर वक्त मोबाइल फोन में गेम्स खेलते हुए बिताता है? अगर इन सब प्रश्न का उत्तर हां में है तो अब आपको सचेत होने की जरूरत है। हम आपको यह इसलिए कह रहे हैं, क्योंकि इंटरनेट पर कई ऐसे गेम्स उपलब्ध हैं जो बच्चों को आत्महत्या के लिए उकसाते हैं। ऐसा ही एक गेम है ‘द ब्लू व्हेल गेम’। इस गेम की वजह से दुनियाभर में करीब 250 बच्चे आत्महत्या कर चुके हैं। भारत में हाल ही में इस गेम से आत्महत्या का पहला मामला सामने आया है।
क्या है ‘द ब्लू व्हेल गेम’
यह इंटरनेट पर खेली जाने वाली एक गेम है, जो दुनियाभर के कई देशों में उपलब्ध है। इस गेम को खेलने वाले शख्स के सामने एडमिनिस्ट्रेटर कई तरह के चैलेंज रखता है। यह सभी चैलेंज 50 दिन के भीतर पूरे करने होते हैं। इसमें अंतिम चैलेंज के रूप में आत्महत्या को रखा गया है। माना जाता है कि यह गेम बीच्ड व्हेल (आत्महत्या करने वाली व्हेल) से प्रेरित होकर बनाई गई है। इस गेम की शुरुआत रूस में साल 2013 में हुई थी। इस गेम से पहली मौत 2015 में हुई थी। साल 2016 में बच्चों के बीच यह गेम खासा लोकप्रिय हो गया।
फिलिप बुडेकिन ने बनाया है गेम
‘द ब्लू व्हेल गेम’ को 25 साल के फिलिप बुडेकिन ने साल 2013 में बनाया था. रूस में आत्महत्या की बढ़ती घटनाओं के बीच उसे गिरफ्तार किया गया और बाद में फिलिप को जेल की सजा हो गई. हालांकि, फिलिप दावा करते हैं कि यह गेम समाज में सफाई के लिए है। खुदकुशी करने वाले बायोलॉजिकल वेस्ट होते हैं। बताया जाता है कि फिलिप बुडेकिन साइक्लॉजी का छात्र था और उसे युनिवर्सिटी से निकाल दिया गया था। डॉ. ब्रूटा ने बताया कि फिलिप के बारे में उन्होंने ज्यादा नहीं पढ़ा तो नहीं है, लेकिन उनके अनुसार वह एक सिक पर्सनैलिटी है। अरुणा ब्रूटा हैरानी जताते हुए कहती हैं कि आखिर इस गेम को चलाने का लाइसेंस कैसे मिल गया।
इस गेम के अनोखे चैलेंज?
– इंटरनेट पर खेले जाने वाले इस गेम में 50 दिन तक रोज एक चैलेंज बताया जाता है।
– हर चैलेंज को पूरा करने पर हाथ पर एक कट करने के लिए कहा जाता है।
– चैलेंज पूरे होते-होते आखिर तक हाथ पर व्हेल की आकृति उभरती है।
– चैलेंज के तहत हाथ पर ब्लेड से एफ-57 उकेरकर फोटो भेजने को कहा जाता है।
– सुबह 4.20 बजे उठकर हॉरर वीडियो या फिल्म देखने के लिए और क्यूरेटर को भेजने का भी चैलेंज इसमें है।
– हाथ की 3 नसों को काटकर उसकी फोटो क्यूरेटर को भेजना भी एक चैलेंज है।
– सुबह ऊंची से ऊंची छत पर जाने को इस गेम में कहा जाता है।
– कागज की सीट पर व्हेल बनाकर क्यूरेटर को भेजना होता है।
– चार स्टेज में छत पर जाना होता है।
– क्यूरेटर के द्वारा भेजे गई संगीत को सुनना भी एक चैलेंज है।
– व्हेल बनने के लिए तैयार होने पर अपने पैर में ‘यस’ उकेरना होता है।
– तैयार होने पर खुद को चाकू से कई बार काटकर सजा देना भी चैलेंज का हिस्सा है।
– सभी चैलेंज पूरे करने वाले को खुदकुशी करनी पड़ती है।
पोकेमॉन गो ने भी है जान की दुश्मन
पोकेमॉन गो नाम से भी एक लोकेशन बेस्ड गेम पिछले करीब एक साल से खासी लोकप्रिय हो रही है। यह गेम यूजर की जीपीएस लोकेशन को ट्रैक करके उसे टास्क भेजता है। यूजर्स को टास्क को ढूंढकर वर्चुअल क्रीचर (पोकेमॉन) से लड़ना होता है। इसकी वजह से कई लोग मोबाइल स्क्रीन पर देखते हुए ट्रैफिक के बीच सड़क पर पहुंच जाते हैं तो कई बार लोग सामने से आ रहे खतरे को नहीं देख पाते। गेम की दीवानगी में इंसान अपने आसपास की चीजों से अनभिज्ञ हो जाता है और यह उसकी जान के लिए खतरा बना जाता है।