राप्रपा विभाजन की तैयारी में पशुपति शमशेर राणा
काठमांडू, २२ श्रावण । कमल थापा नेतृत्व रहे राष्ट्रीय प्रजातन्त्र पार्टी विभाजन की ओर गया है । पार्टी को विभाजन करने के लिए पार्टी के वरिष्ठ नेता पशुपति शमशेर राणा ने हस्ताक्षर अभियान भी शुरु किया है । सरकार में सहभागिता सम्बन्धी विषयों को लेकर पार्टी अध्यक्ष कमल थापा और राणा के बीच विवाद जारी था । राणा समूह को मानना है कि वर्तमान सरकार में राप्रपा को शामील होना चाहिए । लेकिन इसमें थापा समूह ने कुछ अलग ही मत रखते आए थे । विशेषतः मालदार मन्त्रालय और मन्त्रियों की संख्या में समझदारी न बनने पर थापा ने सरकार में सहभागिता के लिए इन्कार किया था ।
लेकिन पशुपति शमशेर राणा समर्थक कुछ सांसदों ने सरकार में शामील होने के लिए दबाव दिया था । लेकिन थापा ने उक्त दबाव को इन्कार करते हुए सरकार में शामील न होने की घोषणा की । उसके बाद राणा के नेतृत्व में पार्टी विभाजन के लिए विचार–विमर्श होने लगी । वही विवाद आज चरमोत्कर्ष में पहुँचा है । आश्चर्य की बात तो यह है कि थापा समूह में रहे रेशम लामा अभी राणा समूह में प्रवेश किए है, वही लामा हस्तक्षर अभियान को नेतृत्व कर रहे हैं । बताया जाता है कि राणा ने लामा को मन्त्री पद के लिए आश्वासन दिया है ।
हस्ताक्षर अभियान में सक्रिय रहने वाले नेताओं में जगत गौचन, सगुन लावती, केशर विष्ट, तारानाथ लुइँटेल, दीपक बोहरा, सुनिल थापा और विक्रम पाण्डे हैं । समाचार स्रोत ने बताया कि जब ४० प्रतिशत केन्द्रीय सदस्य की हस्तक्षार हो जाएगा, उसके बाद राणा नयाँ पार्टी दर्ता के लिए निर्वाचन आयोग जाएंगे । अभी तक सिर्फ ३० केन्द्रीय सदस्यों ने पार्टी विभाजन के पक्ष में हस्तक्षर किया है । राप्रपा में कूल १६३ केन्द्रीय सदस्य हैं । पार्टी विभाजन के लिए न्यूनतम ६६ सदस्यों की हस्ताक्षर आवश्यक पड़ता है ।
इधर थापा पक्ष को कहना है कि पार्टी एकता से नाराज राष्ट्रीय÷अन्तर्राष्ट्रीय तत्व की सक्रिया में पार्टी विभाजन का खेल हो रहा है । पार्टी विभाजन सम्बन्धी समाचार सार्वजनिक होने के वाद आज ही पार्टी अध्यक्ष कमल थापा ने लोकेन्द्रबहादुर चन्द लगायत कुछ नेताओं से आपसी विमर्श करने का निर्णय लिया है ।