एकबार फिर जनकपुर अंचल अस्पताल बना मौत की दुकान
जनकपुर अंचल अस्पताल की लापरवाही ने ली एक अाैर नवजात की जान । सर्लाही भेल्ही ७ के राजेश मुखिया की श्रीमति सुविता मुखिया को प्रसव पीडा होने के बाद जनकपुर अंचल अस्पताल में भरती कराया गया । दिन में ही भरती होने के बाद नर्स ने कहा कि अभी प्रसुति नहीं होगी । रात में डाक्टर की अनुपस्थिति में नर्स ने प्रसव कराया और लडके का जन्म हुआ कन्तिु कुछ ही समय में नवजात बच्चे की मृत्यु हो गई । राजेश के भाई विजय मुखिया जनकपुर में ही प्रहरी में कार्यरत हैं । रातभर वो अस्पताल में ही थे । उनके अनुसार बाहर जाँच कराने पर बच्चे और माँ की स्थिति ठीक बताई जा रही थी । उनका आरोप है कि सुविता को अत्यधिक पीडा थी फिर भी नर्स ध्यान नहीं दे रही थी । बहुत कहने पर उन्होंने प्रसव कराया पर बच्चे की स्थिति कुछ ही देर में बिगडने लगी । डाक्टर को बुलाने के लिए कहा गया पर किसी ने ध्यान नहीं दिया और जब तक डाक्टर राजकिशोर पण्डित आए तब तक बच्चे की जान चली गई । पीडित का मानना है कि अगर समय पर डाक्टर आते तो बच्चे की जान बचाई जा सकती थी ।
जनकपुर अञ्चल अस्पताल में चिकित्सक, और कार्यरत कर्मचारी, अस्पताल प्रशासन, अस्पताल व्यवस्थापन आदि की लापरवाही के कार०ा अक्सर ऐसी दुखद घटना घटती आ रही है । कुछ दिनों पूर्व भी चिकित्सक की लापरवाही के कारण १३ वर्षीय बालक जितेन्द्र मंडल की जान चली गई थी । पिछले वर्ष जनकपुर अञ्चल अस्पताल में उपचार के क्रम में ४ सौ ७५ रोगियों की मौत हो चुकी है ।
अस्पताल के तथ्याङ्क के अनुसार पिछले ४ वर्ष में २ सौ ५० जना नवजात शिशु एवं २८ प्रसुति महिलाओं की जनकपुर अञ्चल अस्पताल में उपचार के क्रम में मृत्यु हो चुकी है ।