नेपाल–भारत संबंध आर्थिक विकास पर आधारित होना चाहिएः उपेन्द्र यादव

काठमांडू, २८ जनवरी । नेपाल और भारत के बीच बहुआयामिक संबंध है । जनता–जनता, राष्ट्र–राष्ट्र और सरकार–सरकार के बीच संबंध है । हर संबंध का अपना–अपना महत्व है । दुनियां में कम ही देश ऐसे हैं, जो नेपाल और भारत की तरह है । क्योंकि हमारे संबंध सिर्फ राजनीतिक परिभाषा में नहीं सिमट सकता ।
हां, चीन भी हमारा पड़ोसी राष्ट्र है । राजनीतिक तथा कुटनीतिक संबंध भारत और चीन के साथ समान हो सकता है । लेकिन नेपाल की भूराजनीतिक अवस्था ही ऐसी है, जिसके चलते हमारी हपेक्षाएं भारत की ओर ज्यादा रहता है । सामाजिक, सांस्कृतिक, भाषिक तथा भौगोलिक बनावट के कारण हम चाह कर भी भारत से अलग रह कर नहीं रह सकते हैं ।
व्यापार, यातायात, संचार, शिक्षा, भौतिक पूर्वाधार हर क्षेत्र में आज भारत, नेपाल को सहयोग कर रहा है । इतना होते हुए राजनीतिक स्तर पर कभी कभार दो देशों के बीच कुछ गडबड़ हो जाता है । नेपाल आर्थिक विकास में आगे बढ़ना चाहती है । इसमें भारत का सहयोग अपरिहार्य है । हमारी अपेक्षाएं हैं कि हर क्षेत्र में नेपाल और भारत साथ–साथ चल सके । अब दो देशों के बीच नयां संबंध भी स्थापित होना चाहिए, जो आर्थिक विकास पर आधारित हों ।
आन्तरिक सुरक्षा के कारण भारत, नेपाल के प्रति ज्यादा संवेदनशील है, नेपाल को उस संवेदनशीलता को सम्बोधन करना चाहिए । भारत हर क्षेत्र में आगे बढ़ सके, उसमें नेपाल और नेपाली जनता गौरवान्वित महसूस कर सकें, यह हमारी अपेक्षाएं हैं ।
(भारत के ६९वें गणतन्त्र दिवस के अवसर पर नेपाल भारत मैत्री समाज द्वारा काठमांडू में आयोजित कार्यक्रम में व्यक्त विचारों का संपादित अंश)