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Webduniya:चीन मानवाधिकारों के हनन के मामले में हमेशा से ही कुख्यात रहा है। चीन की सरकार पर इन दिनों जबरन गर्भपात कराने का आरोप लगाने वाली एक मानवाधिकार



Flag of the People's Republic of China
Flag of the People's Republic of China (Photo credit: Wikipedia)

संस्था ‘ऑल गर्ल्स एलाउड’ ने दावा किया है कि चीनी अधिकारियों ने दूसरा बच्चा होने के दंड के रूप में जुर्माना न भरने के कारण फेंग जिआमेई नामक महिला का जबरन गर्भपात करा दिया है।

उल्लेखनीय है कि चीन में ‘एक ही बच्चा’ की नीति लागू है। ग्लोबल टाइम्स अखबार में छपी इस खबर के बाद राष्ट्रीय और स्थानीय परिवार नियोजन अधिकारी झेनपिन में हुए इस मामले की जांच कर रहे हैं।

संस्था की एक सदस्य चेई लिंग का कहना है कि फेंग की कहानी से साफ है कि ‘एक ही बच्चा’ की नीति के नाम पर चीन में हर दिन औरतों के खिलाफ हिंसा जारी है।

संस्था के अनुसार उसने पीड़ित महिला और उसके पति डेंग जुआन से बात की है। डेंग का कहना है कि उसकी पत्नी को जबरन अस्पताल ले जाया गया और गर्भपात तक हिरासत में रखा गया।

हालांकि सरकार ने इसका खंडन करते हुए पूरे मामले की जांच की बात कही है।

गौरतलब है कि इस तरह के आरोप पहले जापानी फिर नाजियों पर लगते आए हैं लेकिन यह फिलहाल चीन में भी सरकारी एजेंसियों द्वारा करवाया जा रहा है।

चीन में शासन की गलत नीतियों के खिलाफ आवाज उठाने वाले को बंदी बना लिया जाता है। ऐसे ही जबरन गर्भपात का विरोध करने वाले कार्यकर्ता चेन गुआंगचेंग को पिछले महीने ही चीन छोड़कर अमरीका भागना पड़ा ा। चेंग को इससे पहले नजरबंद कर दिया गया था। (एजेंसी)

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