बिना अनुमति राष्ट्रसंघ द्वारा नेपाल में राजनीतिक अनुसंधान
काठमांडू, ३० मार्च । संयुक्त राष्ट्रसंघ ने अनुमति बिना ही नेपाल में राजनीतिक अनुसंधान शुरु किया है । नेपाल सरकार से अनुमति लिए बिना राष्ट्रसंघ ने संघीयता, पहचान, जातीयता जैसे राजनीतिक मुद्दों से प्रत्यक्ष संबंध रखनेवाले संवेदनशील विषयों पर विस्तृत अनुसंधान शुरु किया है । यह समाचार आज प्रकाशित नागरिक दैनिक में है ।
राष्ट्रसंघ की नेपाल स्थित कार्यालय ने ‘प्रोसपेक्टिभ पोलिटिकल सिनारियो एनालाइसिसस एक्सरसाइज इन नेपाल’ (नेपाल में सम्भावित राजनीतिक परिदृश्य का विश्लेषण) शीर्षक देकर यह अनुसंधान शुरु किया है । समाचार स्रोत का कहना है कि नयां संविधान जारी होने के बाद देश प्रादेशिक संरचना में गया है, जिसके चलते किस तरह का समस्या आ सकता है, इसके संबंध में अनुसंधान होने जा रहा है । राष्ट्रसंघीय आवासीय संयोजक भ्यालिरी जुलियार्ड ने अनुसंधान कार्य का नेतृत्व किया है ।
अनुसंधान के लिए कुछ चरणों का बैठक भी सम्पन्न हो चुका है । साथ में परामर्श बोर्ड भी गठन किया गया है । बोर्ड में संघीय संसद् के महासचिव मनोहर प्रसाद भट्टराई, राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग के सदस्य मोहना अन्सारी, राष्ट्रपति विद्यादेवी भण्डारी के पूर्व सल्लाहकार डा. संगीता रायमाझी, त्रिभुवन विश्वविद्यालय के सह–प्राध्यापक मुक्तिसिंह लामा तामाङ, राष्ट्रीय योजना आयोग के पूर्व उपाध्यक्ष जगदीशचन्द्र पोखरेल भी हैं ।